वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फिर किया दावा, भारत में सात-आठ फीसदी वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक वृद्धि को लेकर एक बार फिर अपना दावा किया है कि नीतिगत बदलावों तथा साथ में अनुकूल वैश्विक वातावरण के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था में साता-आठ फीसदी आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता है. वित्त मंत्री ने मंगलवार को भारत-कोरिया व्यापार सम्मेलन को संबोधित करते हुए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 27, 2018 5:02 PM

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक वृद्धि को लेकर एक बार फिर अपना दावा किया है कि नीतिगत बदलावों तथा साथ में अनुकूल वैश्विक वातावरण के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था में साता-आठ फीसदी आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता है. वित्त मंत्री ने मंगलवार को भारत-कोरिया व्यापार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अगले 10 से 20 साल तक भारत दुनिया की सबसे तेज वृद्धि दर वाली अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा.

इसे भी पढ़ें : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, भारत के पास अगले 10 या 20 साल में उच्च स्तर तक वृद्धि हासिल करने की क्षमता

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ने पिछले कुछ साल के दौरान दिखाया है कि प्रतिकूल वैश्विक माहौल में भी खुद में सुधार करने की क्षमता के जरिये जरूरी होने पर कठिन फैसले लिए जा सकते हैं और ऊंची वृद्धि की रफ्तार को कायम रखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि भारत अपने आर्थिक फैसलों को राजनीतिक स्वीकार्यता के साथ इस हद तक मिलाने में सफल रहा है कि आज लोग चाहते हैं कि भारत सुधार करे और अधिक तेजी से आगे बढ़े.

वित्त मंत्री ने कहा कि देश में ज्यादातर लोगों का मानना है कि सात-आठ फीसदी वृद्धि दर सामान्य चीज है, लेकिन जब भारत इससे आगे निकलेगा, तभी उसकी वास्तविक क्षमता दिखेगी. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक खुली है, वैश्विक रूप से यह एकीकृत हुई है. इसने अपने ज्यादातर क्षेत्रों में निवेश आकर्षित किया है. निवेश की प्रक्रिया को बेहद सरल किया गया है.

जेटली ने कहा कि सरकार के फैसले लेने की प्रक्रियाओं से कारोबार करना अधिक सुगम हुआ है, जो भी चुनौतियां और मुश्किलें आती हैं, देश में उन पर गंभीरता से बहस होती है कि क्यों प्रक्रिया को और सुगम करने की जरूरत है. उस दिशा में आगे बढ़ने के लिए संयुक्त राष्ट्रीय कार्रवाई की जरूरत है. वित्त मंत्री ने कहा कि नियम आधारित निर्णय प्रक्रिया से व्यक्तिगत मामलों पर सरकार का विवेकाधिकार पूरी तरह समाप्त हो गया है.

पिछली तारीख से कराधान पर जेटली ने कहा कि पहले हमारे प्रत्यक्ष कर ढांचे को लेकर जो भी खामियां थीं, जिनमें सरकार के कुछ गलत फैसले भी थे, हमने उनको लेकर आशंकाओं को पूरी तरह समाप्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि कराधान के मामले में अधिक विश्वसनीयता और स्थिरता आयी है.

Next Article

Exit mobile version