वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तोड़ी ”ब्रीफकेस परंपरा”, लाल रंग के ”बहीखाते” में बजट लेकर पहुंचीं संसद

नयी दिल्लीः मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट आज पेश हुआ. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘न्यू इंडिया’ का बजट पेश किया. उनके द्वारा बजट पेश करने से पहले एक नयी बात ने सुर्खियां बटोरी. वो है कि इस बार ब्रीफकेस में बजट नहीं आया. निर्मला सीतरमण ने पहली बार ब्रीफकेस वाली परंपरा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 5, 2019 10:35 AM
नयी दिल्लीः मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट आज पेश हुआ. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘न्यू इंडिया’ का बजट पेश किया. उनके द्वारा बजट पेश करने से पहले एक नयी बात ने सुर्खियां बटोरी. वो है कि इस बार ब्रीफकेस में बजट नहीं आया. निर्मला सीतरमण ने पहली बार ब्रीफकेस वाली परंपरा तोड़ दी है.
वित्त मंत्री ब्रीफकेस लेकर नहीं बल्कि लाल रंग का बहीखाता लेकर संसद भवन पहुंचीं. इससे पहले वो राष्ट्रपति से मिलने भी पहुंचीं थीं. बजट 2019 की कॉपी लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर संसद पहुंचे. मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने पारंपरिक ब्रीफकेस को हटाए जाने का कारण साफ किया है.
सुब्रमण्यम ने बताया कि ये भारतीय परंपरा है. हम पश्चिमी सभ्यता से अलग दिखना चाहते हैं. क्योंकि ये बजट नहीं है, ये एक बही खाता है. गौरतलब है कि बजट में सरकार देश में होने वाले खर्च की जानकारी देती है। इसमें सराकर के खर्च, कमाई, टैक्स आदि का ब्योरा होता है. बजट 2019-20 मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट है.
पहले भी तोड़ चुके हैं परंपरा
इससे पहले भी एनडीए सरकार ने रेल बजट और आम बजट को अलग अलग पेश करने की परंपरा को तोड़ते हुए, आज बजट में ही रेलवे से जुड़ी घोषणाओं को शामिल किया गया है. 92 साल पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए एनडीए सरकार ने साल 2017 में रेल बजट को आम बजट के साथ पेश किया. इससे पहले रेल मंत्री आम बजट के एक दिन पहले रेल बजट पेश करते थे.
सुरेश प्रभु आखिरी रेल मंत्री थे, जिन्होंने रेल बजट अलग से पेश किया. इसके अलावा एनडीए सरकार ने बजट पेश करने की तारीख में भी बदलाव किया है. पहले बजट फरवरी की आखिरी तारीख को पेश किया जाता था. जिसे पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक महीने आगे बढ़ाकर एक फरवरी कर दिया.

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