Lalu Family Controversy: लालू परिवार में तनातनी के बीच सुर्खियों में रमीज, बृजभूषण के विरोधी खेमे से क्या है कनेक्शन, यहां देखिये
Lalu Family Controversy: तेजस्वी यादव के बेहद करीबी रमीज नेमत के नाम का जिक्र रोहिणी आचार्य ने किया था. रोहिणी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि संजय यादव और रमीज ने मुझे परिवार और पार्टी से अलग होने को कहा था. तेजस्वी और रमीज की स्कूल से शुरू हुई दोस्ती अब राजनीतिक बहस का हिस्सा बन गई है.
Lalu Family Controversy: तेजस्वी यादव और रमीज नेमत की दोस्ती आजकल राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा बटोर रही है. दोनों की जान-पहचान बेहद पुरानी है. दोनों दिल्ली पब्लिक स्कूल, मथुरा रोड में एक साथ पढ़े और स्कूल के दौरान क्रिकेट भी साथ खेले. संयोग यह भी है कि तेजस्वी की पत्नी राजश्री जिस इलाके में रहती हैं, रमीज का घर भी वहीं न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में है.
कौन है रमीज नेमत (Who is Rameez Nemat)
रमीज मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से जुड़े हैं. उनका जन्म 14 नवंबर 1986 को दिल्ली में हुआ था. उनके पिता नियामतुल्लाह बलरामपुर के भंगहा कलां गांव से आते हैं और जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे हैं. मां जामिया स्कूल में पढ़ाती थीं. लंबे समय से यह परिवार दिल्ली में ही रह रहा है.
नियामतुल्लाह यूपी के बाहुबली और पूर्व सांसद रिजवान जहीर के चचेरे भाई हैं. इसी रिश्तेदारी के कारण 2017 में रिजवान जहीर ने अपनी बेटी जेबा की शादी रमीज से की. शादी के बाद रमीज नेमत ने बलरामपुर में रहना शुरू किया, ताकि जेबा अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा सकें.
कैसे शुरू हुई तेजस्वी और रमीज की दोस्ती
तेजस्वी और रमीज की स्कूल के दिनों से दोनों की दोस्ती है. रमीज ने दिल्ली के लिए अंडर-14, अंडर-16 और अंडर-19 क्रिकेट खेला, फिर झारखंड की अंडर-22 टीम का कप्तान बने. तेजस्वी भी क्रिकेटर रहे और आईपीएल में खेल चुके हैं. इसी वजह से दोनों की बॉन्डिंग मजबूत रही. बाद में रमीज तेजस्वी के युवा संगठन का हिस्सा बने और चुनावों में भी अहम भूमिका निभाई.
रमीज और बृजभूषण सिंह का विवाद (Controversy Between Rameez and Brijbhushan Singh)
रमीज के परिवार की लंबे समय से बीजेपी नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के साथ राजनीतिक टक्कर चलती आ रही है. रिजवान जहीर और बृजभूषण दोनों देवीपाटन क्षेत्र के मजबूत नेता रहे, लेकिन उनके क्षेत्र अलग-अलग थे. धीरे-धीरे यह राजनीतिक मुकाबला टकराव में बदल गया.
2004 के लोकसभा चुनाव में जब बीजेपी ने बलरामपुर सीट से बृजभूषण को मैदान में उतारा, तो दोनों नेताओं के बीच खुली सियासी दुश्मनी शुरू हो गई. बृजभूषण ने यह चुनाव जीत लिया और उसके बाद दोनों परिवारों का टकराव और गहरा हो गया.
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क्या है राजनितिक इतिहास
स्थानीय चुनावों में भी दोनों पक्ष आमने-सामने रहे. ठेका, पंचायत चुनाव और नगर निकाय चुनावों में कई बार विवाद हुए. रिजवान जहीर 2004 के बाद कोई चुनाव नहीं जीत सके और आजकल जेल में हैं. उनकी बेटी जेबा दो बार चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन सफल नहीं हुईं.
रमीज नेमत भी बलरामपुर की राजनीति में एक्टिव हुए, लेकिन 2022 में तुलसीपुर नगर पंचायत चुनाव के दौरान उनकी फिरोज पप्पू से दुश्मनी बढ़ गई. फिरोज को बृजभूषण सिंह का करीबी माना जाता था. जनवरी 2022 में फिरोज पप्पू की हत्या के मामले में रमीज और जेबा दोनों के नाम सामने आए. इसी कारण रमीज पर कानूनी कार्रवाई हुई और वे फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. इस मामले में 20 नवंबर को अदालत का फैसला आने वाला है.
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