Bihar Election 2025: लगातार विवादों में घिर रहे तेजस्वी के “चाणक्य”, परिवार के बाद पार्टी नेताओं के निशाने पर संजय
Bihar Elections 2025: राजद के राज्यसभा सांसद और तेजस्वी यादव के सबसे खास सलाहकार तेजस्वी यादव परिवार के बाद अब पार्टी के नेताओं के निशाने पर हैं. पार्टी के कई नेताओं ने आरोप लगाया कि लालू यादव के आश्वासन के बाद भी पैसा ना देने की वजह से संजय यादव ने उनका टिकट कटवा दिया.
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में जितनी चर्चा राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव और तेजस्वी यादव की हो रही है. उतनी ही चर्चा राजद के राज्यसभा सांसद और तेजस्वी के चाणक्य कहे जाने वाले संजय यादव की भी हो रही है. सड़क चौराहे से लेकर गांव और शाम की बैठकों में राजद के समर्थक एक बात कह रहे हैं, “लालू यादव और तेजस्वी यादव से मिलना अब बहुत मुश्लिक हो गया है. क्योंकि संजय यादव की मर्जी के बिना कोई भी राबड़ी आवास में एंट्री नहीं कर पाता है.” इसका एक नजारा उस वक्त भी देखने के लिए मिला जब राजद के पूर्व प्रत्याशी मदन शाह को पिछले दिनों पटना में राबड़ी आवास में एंट्री नहीं मिला. उसके बाद शाह टिकट न मिलने पर कुर्ता फाड़ के जमीन पर लोट लोट कर रोने लगे. इस दौरान उन्होंने संजय यादव पर टिकट बेचने का भी आरोप लगाया. इतना ही नहीं राजद महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश सचिव उषा देवी ने भी टिकट न मिलने पर संजय यादव पर गंभीर आरोप लगाया है. ऐसे में यह जानना बेहद दिलचस्प हो जाता है कि तेजस्वी के आंख कान कहे जाने वाले संजय राजद में लालू-तेजस्वी के बाद नंबर दो कैसे हो गए.
मदन शाह ने संजय पर लगाया टिकट बेचने का आरोप
राबड़ी आवास में एंट्री और चुनाव में टिकट ना मिलने पर पार्टी के पुराने नेता मदन शाह ने संजय यादव पर उनका टिकट बेचने का आरोप लगाया. उन्होंने रोते हुए बोले, ‘बाप रे बाप! जा रहे हैं, मर जाएंगे. लालू यादव बोले थे हमको टिकट देने के लिए… 2020 में दो हजार वोट से हमको हराया गया… लालू यादव बोले बउआ तू लड़ियो इलेक्शन… बेटा-बेटी की शादी हम नहीं किए, लेकिन दलाल ने टिकट बेच दिया.’
2020 में, लालू जी ने मुझे रांची बुलाया… तेली समुदाय की जनसंख्या के संबंध में एक सर्वे करवाया था… और कहा था मदन शाह मधुबन से रणधीर सिंह को हराएंगे… लालू जी बोले कि तुम ही उसको हराएगा… मीसा बोलीं कि भैया आप ही वहां से चुनाव लड़िएगा. संजय यादव पर आरोप लगाते हुए शाह ने कहा कि मधुबन से टिकट के बदले ₹2.70 करोड़ मांगे थे, रकम नहीं दी तो टिकट किसी और को दे दिया. बता दें कि राजद ने यहां से संतोष कुशवाहा को टिकट दिया है.
RJD की महिला नेता ने भी संजय यादव पर लगाया आरोप
मदन शाह इकलौते ऐसे नेता नहीं हैं जिन्होंने संजय यादव पर इस टिकट बेचने का आरोप लगाया है. उनके बाद राजद महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश सचिव और गया के फतेहपुर की रहने वाली उषा देवी ने भी संजय यादव पर भी कुछ ऐसा ही आरोप लगाया है. उन्होंने प्रभात खबर के रिपोर्टर से बा करते हुए कहा कि वह बाराचट्टी विधानसभा से चुनाव मैदान में उतरना चाहती थी. लालू प्रसाद यादव ने उन्हें आश्वासन भी दिया था कि तुमको टिकट मिलेगा लेकिन संजय यादव के कारण उन्हें टिकट नहीं मिला.
परिवार के निशाने पर भी रहे हैं संजय
ऐसा नहीं है कि संजय सिर्फ पार्टी नेताओं के ही निशाने पर हैं. पार्टी से पहले संजय लालू परिवार के कई सदस्यों के निशाने पर हैं. इनमें सबसे बड़ा नाम लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप का है. दरअसल, अपने निजी जीवन को लेकर जब तेज प्रताप इस साल मई के महीने में विवादों में घिरे और लालू यादव ने उन्हें परिवार और पार्टी से 6 साल के लिए निकाला तो इस दौरान तेज प्रताप यादव ने संजय यादव पर गंभीर आरोप लगाया. बाद में कई बार मीडिया से बात करते हुए तेज प्रताप ने कहा था कि एक हरियाणवी स्क्रिप्ट राइटर है, जो परिवार को हाईजैक कर रहा है. इस दौरान वह संजय यादव को ‘जयचंद’ भी कह रहे थे. इससे पहले 2021 में संजय यादव ने तेज प्रताप यादव ने ये आरोप भी लगाया था कि वो उनके भाई तेजस्वी यादव से मिलने नहीं देते. ऐसे आरोप आरजेडी कार्यकर्ता भी लगाते रहे हैं. कहते हैं, अगर तेजस्वी यादव से मिलना हो तो पहले संजय यादव की परमिशन लेनी पड़ती है.
तेजस्वी की कुर्सी पर बैठकर विवादों में आए संजय
तेज प्रताप के बाद संजय दोबारा उस वक्त लालू परिवार के निशाने पर तब आए जब बिहार अधिकार यात्रा के दौरान वह बस की उस फ्रंट सीट पर बैठे थे जो तेजस्वी और लालू यादव के लिए रिजर्व थी. इस पर लालू यादव की बेटी रोहिणी ने नाराजगी जताई थी, और तेज प्रताप यादव ने भी उनका साथ दिया. रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘फ्रंट सीट सदैव शीर्ष नेता के लिए होती है… और उनकी अनुपस्थिति में किसी को भी उस सीट पर नहीं बैठना चाहिए… वैसे अगर कोई अपने आप को शीर्ष नेतृत्व से भी ऊपर समझ रहा है, तो अलग बात है.’
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राजद में किस पद पर हैं संजय यादव?
संजय यादव को आरजेडी में तेजस्वी यादव का आंख-कान समझा जाता है. वो उनके सबसे बड़े सलाहकार तो हैं ही, सोशल मीडिया या आईटी सेल जो भी कहें, निगरानी वही करते हैं. इसके साथ ही इस बार के विधानसभा चुनाव में गठबंधन की बैठकों में तेजस्वी ने अपनी जगह पर दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के साथ हो या पटना में लेफ्ट और दूसरे दलों के साथ बैठक करना हो हर जगह संजय को ही भेजा. कुल मिलाकर ये कहा जाए कि लालू यादव की राजद में जो जगह रघुवंश प्रसाद सिंह और जगदानंद सिंह, अब्दुल बारी सिद्दीकी, शिवानंद तिवारी की थी. वहीं, जगह तेजस्वी यादव के राजद में संजय यादव की है. क्योंकि संजय यादव हर उस महत्वपूर्ण जगह पर मिलते हैं जहां तेजस्वी होते हैं.
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