डिप्टी CM सम्राट चौधरी, तेजस्वी यादव और पप्पू यादव समेत 6 नेताओं की बढ़ाई गई सुरक्षा, Z+ के साथ-साथ मिला ASL 

Bihar Politicians Security News: डिप्टी CM सम्राट चौधरी की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. उन्हें Z+ सिक्योरिटी के साथ-साथ ASL की सुरक्षा दी गई है. तेजस्वी यादव और पप्पू यादव समेत बिहार के कुल 6 नेताओं की सुरक्षा बढ़ाई गई है. आइए बताते हैं किसे कौन सा सुरक्षा कवच मिला है ? 

By Nishant Kumar | August 11, 2025 11:42 AM

Bihar Deputy CM Samrat Choudhary Security: बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, बिहार विधानसभा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और पूर्णिया सांसद पप्पू यादव समेत बिहार के कुल 6 नेताओं के सुरक्षा में बड़ा बदलाव किया गया है. सम्राट चौधरी की सुरक्षा को बढ़ाकर Z प्लस के साथ-साथ ASL (एडवांस सिक्योरिटी लाइजन) कर दिया गया है. तेजस्वी यादव की सुरक्षा को चुनाव से पहले और कड़ा कर दिया गया है. पहले उन्हें Y प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी, जिसे अब बढ़ाकर Z श्रेणी कर दिया गया है. वहीं, पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव को भी Y प्लस सुरक्षा दी गई है. इसके अलावा, जदयू के एमएलसी नीरज कुमार, बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू और प्रदीप कुमार सिंह की सुरक्षा व्यवस्था में भी इजाफा किया गया है.

क्यों बढ़ाई गई डिप्टी सीएम की सुरक्षा ? 

26 जुलाई की रात बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को धमकी मिली थी. उनके एक कार्यकर्ता के फोन पर संदेश आया था—”हैलो सर, 24 घंटे के अंदर सम्राट चौधरी को गोली मार दूंगा, सच बोल रहा हूं.”  धमकी मिलने पर सम्राट चौधरी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जिसे धमकी देनी है, देने दीजिए.” डिप्टी सीएम के समर्थकों के अनुसार, उनके घर और कार्यक्रम स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी गई है.

पप्पू यादव और तेजस्वी यादव की बढ़ाई गई सुरक्षा 

चुनाव से पहले राज्य सरकार ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया है. अब उन्हें Z श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है. वहीं, पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव को Y+ श्रेणी की सुरक्षा दी गई है. पप्पू यादव कई बार सार्वजनिक रूप से अपनी जान को खतरा बता चुके हैं. उन्होंने सुरक्षा बढ़ाने की मांग को लेकर केंद्रीय मंत्री को पत्र भी लिखा था. उनका आरोप है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ-साथ कई स्थानीय गिरोहों से उन्हें जान से मारने की धमकियां मिली हैं.

क्या होता है ASL ? 

ASL (एडवांस सिक्योरिटी लाइज़न) में पर्सनल बॉडीगार्ड, बुलेटप्रूफ वाहन, सेफ हाउस और चौबीसों घंटे निगरानी जैसी सुविधाएं होती हैं. इस सुरक्षा व्यवस्था में शामिल एजेंसियां लगातार संभावित खतरों का आकलन करती हैं और उसी के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था को मैनेज करती हैं. ASL सुरक्षा में एडवांस तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें सीसीटीवी कैमरे, सेंसर और अन्य सुरक्षा उपकरण शामिल होते हैं. इस केटेगरी में तैनात सुरक्षा अधिकारियों को विशेष रूप से ट्रेन किया जाता है.

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क्या है X, Y और Z सुरक्षा ? 

भारत में सुरक्षा श्रेणियों को छह स्तरों में बांटा गया है. X श्रेणी में 2 सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं, जिनमें एक पीएसओ (PSO) शामिल होता है. Y श्रेणी में कुल 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिनमें दो पीएसओ भी शामिल रहते हैं. Y+ श्रेणी में भी 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं, लेकिन इसमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ शामिल होते हैं. Z श्रेणी में चार या पांच एनएसजी कमांडो समेत कुल 22 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं. Z+ श्रेणी में 36 जवान होते हैं, जिनमें 10 से अधिक एनएसजी कमांडो के साथ दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के जवान भी शामिल होते हैं. सबसे उच्च स्तर की SPG सुरक्षा की शुरुआत 1985 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद की गई थी, और यह केवल प्रधानमंत्री या पूर्व प्रधानमंत्रियों को प्रदान की जाती है.