Bihar Election 2025: कांग्रेस के “जादूगर” ने संभाली बिहार चुनाव की कमान, RJD से तकरार को बताया मामूली बात

Bihar Election 2025: विधानसभा चुनाव के लिए नॉमिनेशन की डेट निकल चुकी है. इसके बावजूद महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर अब तक स्थिति साफ नहीं है. वहीं, बुधवार को पटना पहुंचे राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने इसे मामूली बात बताया है.

By Prashant Tiwari | October 22, 2025 5:08 PM

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में अब दिग्गजों की एंट्री शुरू हो गई है. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता अशोक गहलोत पटना पहुंचे. यहां उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव से मुलाकात की. इसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि महागठबंधन में कोई विवाद नहीं है, सभी चीजें स्मूथली चल रही हैं. इतने बड़े गठबंधन में पांच-दस सीटों पर विवाद होना कोई नई बात नहीं है. किसी भी प्रदेश में अगर गठबंधन होगा तो कुछ सीटों पर ऐसी स्थिति आती है. एक-दो दिनों के अंदर जो भी असमंजस की स्थिति है, वह स्पष्ट हो जाएगी.

बिहार चुनाव में कई सीटों पर आपस में ही लड़ रहा महागठबंधन 

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नॉमिनेशन की डेट निकल चुकी है. इसके बावजूद महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर अब तक स्थिति साफ नहीं है. बिहार में कई ऐसी सीटें हैं जहां पर महागठबंधन में शामिल दो दल अपने-अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं. ऐसे हालात में कार्यकर्ता भी परेशान है कि आखिर प्रचार में किसका साथ दें. पार्टी के उम्मीदवार के साथ जाए या महागठबंधन के कैंडिडेट के साथ.

243 विधानसभा सीटों पर महागठबंधन ने उतारे हैं 256 प्रत्याशी 

बताया जा रहा है कि बिहार में 243 विधानसभा सीटें हैं लेकिन महागठबंधन के घटक दलों द्वारा 256 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतार दिए गए हैं. राजद ने जहां 143 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं, वहीं कांग्रेस ने 61 उम्मीदवार घोषित किए हैं. विकासशील इंसान पार्टी ने 15 उम्मीदवारों की सूची जारी की है. वामपंथी दलों ने भी कई क्षेत्रों में प्रत्याशी उतार दिए हैं. बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा. मतगणना 14 नवंबर को होगी. इस चुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच माना जा रहा है. ‎

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जादूगर नाम से फेमस हैं अशोक गहलोत 

बता दें कि राजनीति में आने से पहले अशोक गहलोत शौकिया जादूगर रहे हैं. उनके पिता लक्ष्मण सिंह गहलोत देश के जाने माने जादूगर थे. हालांकि उन्हें जादूगर इसलिए नहीं कहा जाता है कि वह जादूगर थे. उन्हें जादूगर इसलिए कहा जाता है कि कई कई बार जब किसी राज्य में कांग्रेस की सरकार अस्थिर होती है, तो पार्टी हर बार उन्हें ही हालात को संभालने के लिए भेजती है और हर बार वह पार्टी को गुड न्यूज ही देते हैं. वहीं, इस बार बिहार में चुनाव से पहले जिस तरह का माहौल महागठबंधन में बना है और जनता के बीच में जो मैसेज जा रहा है उसे रोकने और चुनाव में पार्टी के लिए माहौल बनाने के लिए कांग्रेस ने उन्हें पटना भेजा है. 

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