Bihar Election 2025: राहुल-तेजस्वी के EBC संकल्प में 10 बड़े वादे, जो NDA के कोर वोट बैंक में लगा सकते हैं सेंध
Bihar Election 2025: बिहार चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन ने अति पिछड़ा वर्ग को साधने के लिए ‘ईबीसी न्याय संकल्प’ जारी किया है. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने पटना में कार्यक्रम कर 10 बड़े वादों का ऐलान किया. जिसे नीतीश कुमार के कोर वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश माना जा रहा है.
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजनीति गरमा गई है. बुधवार को पटना के एक होटल में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव ने मिलकर महागठबंधन का पहला चुनावी संकल्प पत्र ‘ईबीसी न्याय संकल्प’ जारी किया. इस संकल्प पत्र में अति पिछड़ा वर्ग (EBC) से जुड़े 10 बड़े वादे किए गए हैं, जिन्हें एनडीए और खासतौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए सीधी चुनौती माना जा रहा है.
नीतीश के वोट बैंक पर ‘सेंध’ की रणनीति
2023 की जातिगत गणना रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में ईबीसी की आबादी 36.01% है. यानी यह राज्य की कुल जनसंख्या का एक तिहाई से भी ज्यादा हिस्सा है. लंबे समय से इस वर्ग को नीतीश कुमार का कोर वोट बैंक माना जाता रहा है. 2005 में सत्ता में आने के बाद नीतीश ने पंचायत और नगर निकायों में ईबीसी को 20% आरक्षण दिया था, जिससे उनका राजनीतिक आधार और भी मजबूत हुआ. महागठबंधन ने अब इस आधार को कमजोर करने की कोशिश शुरू कर दी है.
संकल्प पत्र में 10 बड़े वादे
ईबीसी न्याय संकल्प में जो अहम प्रावधान शामिल किए गए हैं, उनमें सबसे प्रमुख है पंचायत और नगर निकायों में आरक्षण 20% से बढ़ाकर 30% करना. इसके अलावा, एससी-एसटी की तर्ज पर ‘ईबीसी अत्याचार निवारण अधिनियम’ लागू करने का ऐलान किया गया है.
प्रमुख वादों में शामिल हैं:
- आरक्षण की सीमा 50% से आगे बढ़ाने के लिए विधान मंडल से पारित कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में भेजना.
- नॉट फाउंड सूटेबल (NFS) अवधारणा को अवैध घोषित करना.
- ईबीसी सूची में ओवर-इंक्लूजन और अंडर-इंक्लूजन के मामलों की समीक्षा के लिए कमेटी बनाना.
- भूमिहीन ईबीसी, एससी, एसटी और पिछड़ा वर्ग को ग्रामीण क्षेत्रों में 5 डिसमिल और शहरी क्षेत्रों में 3 डिसमिल भूमि देना.
- शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों की आरक्षित सीटों का आधा हिस्सा वंचित वर्गों को देना.
- 25 करोड़ तक के ठेकों में 50% आरक्षण.
- निजी शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण लागू करना.
- आरक्षण नियामक प्राधिकरण का गठन.
राहुल गांधी का सीधा हमला
संकल्प पत्र जारी करते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार को घेरा. उन्होंने कहा- “मौजूदा सरकार ने अति पिछड़ों के लिए कुछ नहीं किया. वोट लिया और बाद में उपयोग कर फेंक दिया. हमारी गारंटी है कि ईबीसी न्याय संकल्प में किए गए सभी वादों पर अमल होगा.”
तेजस्वी का ‘भरोसा’
राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि जेडीयू ने दो दशकों तक ईबीसी का सिर्फ इस्तेमाल किया है. उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन सत्ता में आया तो अति पिछड़े वर्ग को उनकी आबादी के अनुपात में सम्मान और हिस्सेदारी दी जाएगी.
नया सियासी समीकरण
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महागठबंधन का यह कदम सीधे तौर पर नीतीश कुमार के आधार वोट पर चोट है. सीमांचल में ओवैसी की सक्रियता और महागठबंधन के इस संकल्प पत्र से ईबीसी और मुस्लिम वोटों को एकजुट करने की कोशिश साफ झलक रही है. अब बड़ा सवाल यह है कि नीतीश कुमार और एनडीए इस चुनौती का कैसे मुकाबला करेंगे.
Also Read: बिहार की राजनीति में परिवारवाद का बोलबाला! 27% नेता और 57% महिला नेता खानदानी, पढ़िए जिलेवार रिपोर्ट
