Video: Voter Adhikar Yatra में फिसली स्टालिन की जुबान, वीडियो में देखिए राहुल गांधी को क्या बोल दिए

Voter Adhikar Yatra: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम.के. स्टालिन बिहार दौरे पर वोटर अधिकार यात्रा में शामिल हुए. मुजफ्फरपुर की रैली में भाषण के दौरान राहुल गांधी की जगह गलती से राजीव गांधी का नाम लेने पर उनका वीडियो विवादों में आ गया, जिस पर भाजपा और टीवीके ने तंज कसा है.

By Abhinandan Pandey | August 28, 2025 7:18 PM

Voter Adhikar Yatra: बिहार में चल रही वोटर अधिकार यात्रा के दौरान बुधवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ मंच साझा किया. इस दौरान मुजफ्फरपुर की रैली में उनका भाषण चर्चा में आ गया, जब उन्होंने राहुल गांधी की जगह गलती से दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम ले लिया.

स्टालिन ने जब इंडिया गठबंधन की ओर से रैली के आयोजकों का नाम गिनाना शुरू किया तो अचानक बोल पड़े- “मेरे भाई राजीव गांधी.” हालांकि, तुरंत बाद डीएमके की तकनीकी टीम ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में इस हिस्से को एडिट कर “राहुल गांधी” का पैच डाल दिया. लेकिन यह पैच वीडियो के बाकी हिस्सों से मेल नहीं खा सका और मूल आवाज़ साफ़-साफ़ सुनी जा सकती है.

भाजपा और टीवीके ने साधा निशाना

इस घटना पर विपक्ष ने जमकर चुटकी ली. भाजपा नेता अन्नामलाई ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए लिखा- “तमिलनाडु में तिरु @mkstalin की सरकार पैचवर्क और धोखे पर चल रही है. नाम गलत लेना एक बात है, लेकिन उसे छुपाने की बेचैन कोशिश और भी चौंकाने वाली है.”

वहीं, अभिनेता विजय की पार्टी टीवीके ने व्यंग्य करते हुए स्टालिन को “अंकल” कह डाला और डीएमके की तकनीकी टीम की कार्यशैली पर तंज किया. हालांकि, डीएमके की ओर से इस विवाद पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.

रैली में स्टालिन के तेवर

भाषण के दौरान स्टालिन ने बिहार और उसके राजनीतिक इतिहास को याद करते हुए कहा कि देश में जब-जब संकट आता है, उसकी शुरुआत बिहार से होती है. उन्होंने जयप्रकाश नारायण और लालू प्रसाद यादव का ज़िक्र करते हुए कहा कि सामाजिक न्याय के संघर्ष में बिहार की भूमिका हमेशा निर्णायक रही है.

स्टालिन ने तेजस्वी यादव की सराहना करते हुए कहा कि “आज बिहार के लोग तेजस्वी से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं.” उन्होंने भाजपा पर मतदाता सूची में धांधली का आरोप लगाते हुए दावा किया कि “65 लाख मतदाताओं के नाम सूची से काट दिए गए हैं. यह लोकतंत्र के खिलाफ है.”

बिहार की अहमियत पर जोर

स्टालिन ने कहा कि दो हजार किलोमीटर की दूरी तय कर वे इसलिए बिहार आए हैं क्योंकि “पूरे देश की नजर इस समय बिहार पर टिकी है.” उन्होंने याद दिलाया कि इंडिया गठबंधन की नींव पटना में रखी गई थी और भाजपा ने इसे हल्के में लिया था. “लेकिन इसी गठबंधन ने भाजपा के 400 सीटों के दावे को 240 तक सीमित कर दिया.”

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