Voter Adhikar Yatra: जीप छोड़ बिहार की बुलेट पर चढ़े राहुल, बिना हेलमेट पीछे बैठे प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम
Voter Adhikar Yatra: पूर्णिया में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राहुल गांधी का नया अंदाज देखने को मिला. जीप छोड़ उन्होंने बुलेट बाइक संभाली और अररिया तक का 30 किलोमीटर सफर तय किया. हेलमेट पहने राहुल के पीछे बिना हेलमेट बैठे थे प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार, जबकि तेजस्वी यादव भी बुलेट चलाते नजर आए.
Voter Adhikar Yatra: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की वोटर अधिकार यात्रा में रविवार को पूर्णिया और अररिया का नजारा कुछ अलग रहा. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पूर्णिया शहर में प्रवेश करते ही जीप छोड़कर सीधे बुलेट बाइक संभाल ली. हरियाणा नंबर की जीप (HR 26 DS 0999) की जगह उन्होंने बिहार नंबर की बुलेट (BR 22 BO 4709) को चुना और पूरे जोश के साथ सड़कों पर निकल पड़े.
ड्राइविंग सीट पर राहुल, पीछे बैठे थे प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम
राहुल गांधी का यह अंदाज लोगों को खूब भाया. कप्तान पुल के समीप कांग्रेस नेता के पेट्रोल पंप से उन्होंने बुलेट यात्रा शुरू की. बाइक की ड्राइविंग सीट पर राहुल गांधी थे और उनके पीछे बैठे थे बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार. हालांकि, इस दौरान राहुल ने हेलमेट पहन रखा था लेकिन उनके पीछे बैठे प्रदेश अध्यक्ष बिना हेलमेट नजर आए, जिस पर सियासत गरमाने के आसार हैं.
तेजस्वी यादव भी साथ
यात्रा के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव भी बुलेट पर दिखे. उन्होंने भी हेलमेट पहन रखा था और राहुल के पीछे-पीछे चल रहे थे. इस दौरान कांग्रेस, राजद और वीआईपी कार्यकर्ताओं का काफिला उत्साह के साथ आगे बढ़ रहा था.
सुरक्षा घेरे के बीच भावुक पल
लाइन बाजार में अचानक एक युवक राहुल गांधी की बाइक के सामने आ गया और उन्हें गले लगा लिया. यह नजारा कुछ देर के लिए भावुक कर देने वाला रहा, हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत युवक को काबू में किया. इसके बाद भी राहुल की यात्रा बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ी.
30 किलोमीटर का सफर बुलेट से ही तय किया
कप्तान पुल से लाइन बाजार, पंचमुखी मंदिर, प्रभात कॉलोनी, रामबाग, पूर्णिया सिटी और कसबा होते हुए राहुल ने अररिया तक करीब 30 किलोमीटर का सफर बुलेट से ही तय किया. रास्ते भर लोग उनसे हाथ मिलाते रहे. महिलाओं, युवाओं और स्कूली बच्चियों ने जगह-जगह उनका स्वागत किया. कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ता भी पूरे जोश में दिखाई दिए.
चाक-चौबंद सुरक्षा
राहुल गांधी की इस यात्रा के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे. पुलिस जवान जगह-जगह तैनात थे और यहां तक कि ऊंची इमारतों की छतों पर भी पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे.
चुनावी संदेश और रणनीति
पूर्णिया और अररिया की यह यात्रा कांग्रेस और महागठबंधन के लिए महज एक रोड शो नहीं, बल्कि एक चुनावी संदेश भी है. राहुल गांधी का बुलेट पर बैठना युवाओं से सीधे जुड़ने की रणनीति माना जा रहा है. जिस अंदाज में लोगों का उत्साह देखने को मिला, उससे साफ है कि महागठबंधन की यह यात्रा जनता के बीच असर छोड़ने में कामयाब हो रही है.
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