Bihar Chunav 2025 : अमित शाह की मुहर लगते ही फ्रंट फुट पर खेलने लगे BJP नेता, सम्राट बोले- सीएम पद की वैकेंसी नहीं

Bihar Chunav 2025 : प्रभात खबर के सच पूछेगा बिहार कार्यक्रम में बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री पद की कोई वैकेंसी नहीं है. नीतीश कुमार सर्वमान्य नेता हैं और आगे भी रहेंगे. चुनाव बाद वह ही मुख्यमंत्री बनेंगे.

By Prashant Tiwari | October 29, 2025 8:44 PM

Bihar Chunav 2025 : बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता व उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरा तेजस्वी यादव को उनकी प्रतिभा देख कर घोषित नहीं किया गया है, बल्कि लालू प्रसाद ने इसके लिए कांग्रेस को टॉर्चर किया है. बुधवार को प्रभात खबर के साथ सच पूछेगा बिहार कार्यक्रम में खुल कर सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे. यहां कोई वैकेंसी नहीं है. उन्होंने लालू प्रसाद को नेता माना, पर कहा कि वह अराजक हैं और उनकी पार्टी में सारे उनके प्रतिनिधि हैं. राजनीतिक संपादक मिथिलेश की बातचीत के संपादित अंश.

सवाल : महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया है. एनडीए को कितना फर्क पड़ने वाला है?

जवाब : राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कांग्रेस को टॉर्चर कर बेटे तेजस्वी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करवाया है. लेकिन, उनकी दाल नहीं गलने वाली है. बिहार विकास के रास्ते चलेगा, विनाश के नहीं. खुद जिस गठबंधन ने तेजस्वी को सीएम का चेहरा घोषित किया है, उसके खास दल राजद ने लालू प्रसाद का चेहरा संकल्प पत्र पर लगाने से डर गया. लालू प्रसाद ने भी कहा था कि लोकतंत्र में रानी के पेट से राजा पैदा नहीं होगा. लोग इसे याद रखा है. बिहार में लालू प्रसाद के वोट हैं, वह नेता हैं. राबड़ी को पद पर बैठा दिया, अब घर बैठा दिया. तेजप्रताप को बाहर कर दिया, कोई फर्क नहीं पड़ा.

सवाल : आप पर प्रशांत किशोर ने कई गंभीर आरोप लगाये हैं.

जवाब: हम लोगों ने 1995 में नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने का बीड़ा उठाया था. इसी खीस में लालू प्रसाद ने हमारे परिवार के 22 लोगों को केस में फंसा दिया. बाद में सारे लोग बरी हो गये. सब जानते हैं, लालू प्रसाद लोगों को केस में फंसाने-जोड़ने का ही काम करते थे.

सवाल : क्या आपको लगता है कि प्रशांत किशोर किसी के इशारे पर ये आरोप लगा रहे हैं?

जवाब : यह वह जाने, मैं इसमें नहीं जा रहा हूं. कोर्ट से हम बरी हैं. जहां तक नाम की बात है, तो मेरे घर का नाम राकेश है. घर के लोगों ने चुनाव आयोग में इसमें सुधार करवा दिया है. मैं छठी बार चुनाव लड़ रहा हूं. कभी कोई सवाल नहीं आया. यदि कोर्ट कोई जानकारी मांगेगा, तो हम देंगे. मीडिया ट्रायल नहीं होंगे.

सवाल : आपने नीतीश कुमार का भी विरोध किया, अब साथ हैं.

जवाब : मैं पार्टी के साथ हूं. पार्टी का गठबंधन नीतीश कुमार के साथ है. आज भी 2025 के चुनाव में पांच दलों का साथ है. हम पांडव हैं. हमारे साथ जदयू, हम (सेक्यूलर), लोजपा आर और रालोमो हैं. वे लोग कौरव हैं. जनता देख रही है. जिस राजद को लालू प्रसाद का चेहरा लगाने से डर लगता है, उसे जनता स्वीकारने वाली नहीं है.

सवाल : क्या आप मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते हैं? चिराग पासवान ने तो अपना टार्गेट 2030 फिक्स कर दिया है.

जवाब: हम पार्टी की विचारधारा वाले लोग हैं. पार्टी के निर्णय के साथ खड़ा हूं. बिहार में मुख्यमंत्री पद की कोई वैकेंसी नहीं है. नीतीश कुमार सर्वमान्य नेता हैं और आगे भी रहेंगे. मैं राजनीतिक कार्यकर्ता हूं. भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष रहा हूं. पार्टी विधायक दल का नेता हूं. पार्टी जो तय करेगी, उस पर मैं चलूंगा.

सवाल : आप लालू जी के साथ थे. नीतीश कुमार का भी विरोध किया था.

जवाब: लालू जी भी भाजपा के साथ थे. 1990 में लालू जी को सत्ता की हल्दी लगी, तो वह भाजपा ने लगायी. भाजपा में 10-12 वर्षों हूं. संगठन को देखा है. विचारधारा के साथ हूं. पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी, उसे निभाया.

सवाल : एनडीए को कितनी सीटें आयेंगी, भाजपा को अधिक सीटें आयेंगी या जदयू को?

जवाब: भाजपा और जदयू दोनों जुड़वा भाई हैं. हम पांच दल एक साथ मिल कर लड़ रहे हैं. कोई विवाद नहीं है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम चुनाव में हैं. वही सीएम चेहरा हैं.

सवाल : तीन जिले चर्चा में हैं- नालंदा, वैशाली और मुंगेर. तीनों की जनता सीएम वाले जिले का दर्जा के लिए बेताब है.

जवाब : सीएम पद की वैकेंसी नहीं है. वैकेंसी रहेगी, तब न फाॅर्म भरायेगा. राजद थोड़े ही है कि पहले लालू जी फिर राबड़ी जी और अब तेजस्वी जी. नीतीश ने विकास किया है, वहीं सर्वमान्य नेता हैं.

सवाल : विकास के दावे के बावजूद एनडीए जंगल राज का भय दिखा रहा है, ऐसा क्याें?

जवाब: बात बिहार की हो रही है, तो हम पाकिस्तान की बात नहीं करेंगे न. बांग्लादेश की बात नहीं करूंगा न. बिहार में हैं, तो बिहार की ही बात करेंगे. 15 साल लालू प्रसाद ने ब्रेक लगा दिया. इंडस्ट्री को खत्म कर दिया. हम तुलना ममता दीदी या योगी जी से तो कर नहीं सकता. तुलना हम किससे करेंगे. इनसे ही करेंगे. 2004 से 2014 तक जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी, तब बिहार को केंद्र ने करीब दो लाख करोड़ रुपये दिये, जबकि मोदी जी के 11 साल के शासनकाल में 14 लाख करोड़ से अधिक राशि बिहार को दी गयी.

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