चिराग ने घटाई सीट डिमांड! BJP ने थमाया राज्यसभा और MLC का ऑफर, लेकिन फिर भी क्यों नहीं बन रही बात?
NDA Seat Sharing 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है. चिराग पासवान ने अपनी मांग घटाकर भाजपा को 35 सीटों की सूची सौंपी है, जबकि भाजपा ने 26 सीटों का प्रस्ताव दिया है. मगर गोविंदगंज, मटिहानी और सिकंदरा जैसी सीटों पर अब भी टकराव बरकरार है. भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े स्थिति संभालने में जुटे हैं.
NDA Seat Sharing 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एनडीए के भीतर सीटों की सियासत अब तेज हो गई है. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपनी सीटों की मांग घटाकर अब 40 से 35 सीटों तक सीमित कर दी है और इन सीटों की सूची भाजपा नेतृत्व को सौंप दी है. सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने फिलहाल 26 सीटों का प्रस्ताव दिया है, साथ ही भविष्य में एक एमएलसी और राज्यसभा सीट देने का भरोसा भी दिलाया है. लेकिन इन सबके बावजूद गठबंधन के भीतर सीट चयन को लेकर मतभेद गहराए हुए हैं.
अपने प्रभाव वाले लोकसभा क्षेत्र पर चिराग का फोकस
चिराग पासवान अपनी राजनीतिक पकड़ वाले पांच लोकसभा क्षेत्रों- हाजीपुर, जमुई, वैशाली, खगड़िया और समस्तीपुर में प्रति लोकसभा क्षेत्र कम से कम दो विधानसभा सीटें चाहते हैं. सूत्रों के मुताबिक, एलजेपी (रामविलास) ने जिन सीटों की सूची सौंपी है. उनमें महनार, महुआ (हाजीपुर), मुरवा (समस्तीपुर), अलौली (खगड़िया), भागलपुर सदर, बख्तियारपुर, फतुहा (पटना), अत्री (गया), ओबरा (औरंगाबाद), शेखपुरा, अरवल और जहानाबाद जैसी सीटें प्रमुख हैं.
‘तीन सीटों’ पर विवाद ने बढ़ाई मुश्किलें
एलजेपी (रामविलास) की मांग में कुछ ऐसी सीटें भी हैं जो फिलहाल भाजपा, जदयू और हम (सेक्युलर) के पास हैं. इनमें गोविंदगंज, मटिहानी और सिकंदरा सीटें प्रमुख हैं. गोविंदगंज सीट पर चिराग अपने प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी को उम्मीदवार बनाना चाहते हैं, लेकिन भाजपा इस पर सहमत नहीं है. मटिहानी सीट पर एलजेपी का दावा है कि 2020 में पार्टी ने वहां जीत दर्ज की थी, पर विधायक राजकुमार सिंह बाद में जदयू में चले गए. पार्टी इसे “अपना हक” बताकर फिर से मांग रही है. भ्रमपुर सीट पर चिराग हुलास पांडे को उतारना चाहते हैं, जबकि भाजपा चाहती है कि वहां से संतोष राय मैदान में उतरें.
भाजपा का संतुलन, चिराग का दबाव
भाजपा नेतृत्व फिलहाल एनडीए के भीतर संतुलन साधने में जुटा है. एक ओर वह जदयू और हम (सेक्युलर) को साथ रखना चाहती है, तो दूसरी ओर चिराग पासवान की महत्वाकांक्षी मांगों को भी पूरी तरह नजरअंदाज नहीं कर सकती. बिहार के प्रभारी विनोद तावड़े इस पूरे समन्वय की निगरानी कर रहे हैं और सभी सहयोगियों से एक-एक कर बातचीत कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, भाजपा और जदयू दोनों करीब 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ने के मूड में हैं, जबकि उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 10 से कम सीटों का ऑफर मिल सकता है.
मांझी की भी जिद कायम
इस बीच हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी 15 सीटों की मांग दोहराई है. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि अगर यह मांग पूरी नहीं हुई तो उनकी पार्टी चुनाव से दूरी बना लेगी.
एनडीए में समीकरण अब भी अधूरे
भले ही चिराग पासवान ने सीटों की संख्या घटाकर लचीलापन दिखाने की कोशिश की हो, लेकिन एनडीए के भीतर तालमेल अब भी पूरी तरह साफ नहीं है. भाजपा की कोशिश है कि सभी सहयोगियों को साधते हुए जल्द अंतिम घोषणा की जाए, मगर जिन सीटों पर तीन-तरफा दावेदारी बन रही है, वहां सहमति बनाना फिलहाल मुश्किल दिख रहा है.
