Bihar Politics: हिन्दू अनुष्ठान से लेकर राजनीतिक नैरेटिव तक, क्यों चर्चा में है ‘पिंडदान’ ?
Bihar Political News: बिहार के गया में पितरों की आत्मा की शांति के लिए किया जाने वाला पिंडदान इस बार राजनीति का विषय बन गया है. लालू यादव ने पीएम मोदी के दौरे को नीतीश कुमार की राजनीति का "पिंडदान" बताया, जिस पर जदयू, चिराग पासवान और अशोक चौधरी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. गयाजी का पिंडदान परंपरा राम और गयासुर से जुड़ी मानी जाती है.
Bihar Gayaji Pind Daan Politics: हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार पितरों (पूर्वजों) की आत्मा की शांति और उन्हें मृत्युलोक की यात्रा तय करने की शक्ति के लिए लोग एक धार्मिक अनुष्ठान करते हैं जीसे ‘पिंडदान’ कहा जाता है. यह पिंडदान बिहार के गया में किया जाता है. आध्यातम और हिन्दू दर्शन को जानने और मानने वाले लोग इस अनुष्ठान के लिए मिलों दूर से यहां पहुंचते हैं. यह अनुष्ठान सामान्यतः सितंबर और अक्टूबर के महीने में किया जाता है. इस बार ये प्रक्रिया ने एक राजनीतिक मोड ले लिया है और बिहार के नेताओं की जबान पर इसकी चर्चा बनी हुई है.
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, RJD सुप्रीमो लालू यादव ने पीएम मोदी के गया जी आगमन को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी आज गया में नीतीश कुमार की राजनीति और उनकी पार्टी का पिंडदान करने आ रहे हैं.” सुबह सात बने एक वीडियो के साथ पोस्ट हुआ यह ट्वीट पूरे दिन राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना रहा. NDA के नेताओं ने इसपर लालू यादव और विपक्षी दलों घेरना शुरू किया और देखते ही देखते चंद घंटों में ही बिहार की राजनीतिक नेरटिव में ‘पिंडदान’ एक अहम शब्द हो गया.
जदयू ने किया कटाक्ष
जदयू के नेता नीरज कुमार ने कटाक्ष करते हुए कहा कि लालू यादव के दो पुत्र और दो पुत्रियों ने उनका राजनीति में पिंडदान पहले ही कर दिया है. बोधगया ज्ञान की भूमि है. लालू यादव चरवाहा विद्यालय के ‘कुलाधिपति’ रहें हैं. स्वाभाविक रूप से पुरखों का और जननायक कर्पूरी ठाकुर का अपमान करने वाले लालू यादव की राजनीति पहले से ही संक्रमित, क्षतिग्रस्त है. उन्होंने आगे कहा कि लालू यादव को दुश्मन खोजने की जरूरत नहीं घर के लोग ही आपकी राजनीति में आग लगाने के लिए पर्याप्त हैं. पारिवारिक लोगों ने राजनीति में आपका पिंडदान पहले ही कर दिया है.
चिराग पासवान ने क्या कहा ?
लालू यादव ने पोस्ट कर कहा कि पीएम नीतीश कुमार और बिहार की राजनीति का “पिंडदान” करके चले जाएंगे. इस पर चिराग ने कड़ी आपत्ति जताई और कहा, “यह शब्दावली गलत है. नीतीश कुमार के लिए इस तरह की भाषा इस्तेमाल करना उचित नहीं है. नीतियों पर सवाल उठाएं, लेकिन इस तरह की बात कहना मेरी निंदा के योग्य है.”
अशोक चौधरी ने क्या कहा ?
बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के ‘पिंडदान’ बयान पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए कर रहे हैं, वो दिखाता है कि ऐसी सोच सिर्फ राजद के अलावा दूसरी पार्टी की नहीं हो सकती है.
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क्यों गयाजी में ही किया जाता है पिंडदान ?
इन सभी बयानों के बीच गयाजी शहर का पिंडदान से क्या कनेक्शन है ये जानना भी बेहद जरूरी है. दरअसल, हिन्दू ग्रंथ ‘गरुण पुराण’ के अनुसार भगवान राम ने अपने पिता दशरथ का पिंडदान गाया में किया था ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सके. एक अन्य किंवदंती के अनुसार, गयासुर ने ब्रह्मा से वरदान मांगा था कि उसके शरीर को पवित्र स्थल माना जाए और यहां पिंडदान करने वाले पितरों को मुक्ति मिले.
