सूरजभान सिंह परिवार की RJD में एंट्री कुछ दिन के लिए टली, तेजस्वी बना रहे नया समीकरण, अनंत सिंह के खिलाफ लड़ेंगी वीणा देवी
Surajbhan Singh: बिहार की राजनीति में एक बड़ा फेरबदल होने जा रहा है. बाहुबली नेता और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह अपने परिवार समेत आरजेडी में शामिल होने वाले हैं. तेजस्वी यादव की रणनीति के तहत यह कदम भूमिहार वोट बैंक को साधने की दिशा में अहम माना जा रहा है.
Surajbhan Singh: बिहार की राजनीति में इन दिनों मोकामा से जुड़े बाहुबली नेता सूरजभान सिंह और उनके परिवार के राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल होने की चर्चा जोरों पर है. यह कार्यक्रम फिलहाल कुछ दिनों के लिए टल गया है. पहले यह कार्यक्रम शनिवार को तय था, लेकिन महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर चल रही व्यस्तताओं के कारण तेजस्वी यादव ने इसे स्थगित कर दिया है.
दिल्ली में हैं तेजस्वी
तेजस्वी यादव इन दिनों अपने पिता लालू प्रसाद यादव और मां राबड़ी देवी के साथ दिल्ली में हैं. यहां उन्हें लैंड फॉर जॉब मामले में 13 अक्टूबर को पेश होना है. माना जा रहा है कि तेजस्वी के सोमवार शाम पटना लौटने के बाद या मंगलवार को सूरजभान सिंह परिवार के साथ आरजेडी में शामिल होंगे.
अनंत सिंह को चुनौती देंगी वीणा देवी
सूरजभान सिंह के साथ उनकी पत्नी वीणा देवी, भाई चंदन सिंह और कई अन्य समर्थक भी राजद में शामिल होंगे. चर्चा है कि वीणा देवी को मोकामा विधानसभा सीट से अनंत सिंह के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है. वीणा देवी पहले मुंगेर से लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) की सांसद रह चुकी हैं. सूरजभान सिंह वर्तमान में पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं.
सूत्रों के मुताबिक, लालू यादव ने पशुपति पारस को अपनी पार्टी के राजद में विलय का प्रस्ताव दिया है. इस पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है. पारस अपने बेटे के लिए अलौली विधानसभा सीट और कुछ अन्य सीटों पर गठबंधन के तहत टिकट की मांग कर रहे हैं. अगर पारस की मांग मानी जाती है तो राजद के मौजूदा विधायक रामवृक्ष सदा का टिकट कट सकता है.
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तेजस्वी की रणनीति
आरजेडी के लिए यह नया गठजोड़ भूमिहार समुदाय में पैठ बनाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. तेजस्वी यादव अब अपनी पार्टी को केवल मुस्लिम-यादव वोट बैंक तक सीमित नहीं रखना चाहते. 2020 के चुनाव में उन्होंने राजद के 144 उम्मीदवारों में सिर्फ एक भूमिहार अनंत सिंह को टिकट दिया था. अब स्थिति बदल रही है. सूरजभान जैसे भूमिहार नेता के आने से राजद को मगध और शाहाबाद क्षेत्र में नई मजबूती मिल सकती है.
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