Bihar Election 2025: बिहार की इन 51 सीटों पर BJP-RJD में सीधी जंग, राघोपुर और तारापुर सीट बनी प्रतिष्ठा की रणभूमि
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा और राजद के बीच 51 सीटों पर सीधी जंग ने सियासी माहौल गर्मा दिया है. इनमें तेजस्वी यादव की राघोपुर और सम्राट चौधरी की तारापुर जैसी हाई-प्रोफाइल सीटें भी शामिल हैं. जहां दोनों दलों की प्रतिष्ठा दांव पर है.
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में अब मुकाबला और दिलचस्प हो गया है. राज्य की 51 विधानसभा सीटों पर इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच सीधी भिड़ंत देखने को मिलेगी. एनडीए और महागठबंधन के कई घटक दल मैदान में हैं, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा इन सीटों की है जहां भाजपा और राजद आमने-सामने हैं.
भाजपा और राजद की मुख्य जंग
भाजपा इस चुनाव में कुल 101 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतार रही है, जबकि राजद 143 सीटों पर ताल ठोक रही है. इन दोनों दलों के बीच 51 सीटों पर सीधी टक्कर है. शेष 50 सीटों पर भाजपा की लड़ाई कांग्रेस और महागठबंधन के अन्य सहयोगियों से है.
राजद के 91 उम्मीदवार एनडीए के अन्य घटक दलों- जदयू, लोजपा (रामविलास), हम और वीआईपी के प्रत्याशियों से सीधे मुकाबले में हैं. इन 51 सीटों में कई हाई-प्रोफाइल सीटें शामिल हैं, जहां नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है.
तेजस्वी बनाम सम्राट: प्रतिष्ठा की लड़ाई
इनमें दो सीटें विशेष रूप से सुर्खियों में हैं- राघोपुर और तारापुर. राघोपुर सीट से विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव चुनाव लड़ रहे हैं. तारापुर सीट उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की कर्मभूमि है. दोनों ही सीटों पर भाजपा और राजद आमने-सामने हैं, जिससे यह मुकाबला खासा दिलचस्प हो गया है.
भाजपा के दिग्गज भी मैदान में
भाजपा के दो पूर्व सांसद भी इस बार विधानसभा की जंग में उतर रहे हैं. रामकृपाल यादव (दानापुर) और सुनील कुमार पिंटू (सीतामढ़ी) इन दोनों की भी सीधी भिड़ंत राजद प्रत्याशियों से होगी.
2020 की तुलना में इस बार मुकाबला और कड़ा
पिछले विधानसभा चुनाव में राजद ने 75 और भाजपा ने 74 सीटें जीती थीं. दोनों ही दलों ने उस चुनाव में मजबूत प्रदर्शन किया था. यही वजह है कि इस बार इन 51 सीटों पर नजरें टिकी हैं. क्योंकि परिणाम आने पर ही पता चलेगा कि दोनों में कौन आगे निकलता है.
भाजपा और राजद के बीच टक्कर वाली 51 सीटें
- मधुबन
- मोतिहारी
- ढाका
- परिहार
- सीतामढ़ी
- खजौली
- बिस्फी
- राजनगर (अजा)
- छातापुर
- नरपतगंज
- प्राणपुर
- केवटी
- कुढ़नी
- साहेबगंज
- बैकुंठपुर
- सीवान
- गोरियाकोठी
- तरैया
- अमनौर
- हाजीपुर
- लालगंज
- पातेपुर (अजा)
- मोहिउद्दीनगर
- कटोरिया
- तारापुर
- मुंगेर
- बांकीपुर
- दानापुर
- बड़हरा
- गुरुआ
- वारिसलीगंज
- जमुई
- अलीनगर
- बनियापुर
- छपरा
- सोनपुर
- बाढ़
- शाहपुर
- रामनगर (अजा)
- नरकटियागंज
- हरसिद्धि (अजा)
- कल्याणपुर
- चिरैया
- कोचाधामन
- बायसी
- राघोपुर
- पीरपैंती (अजा)
- रामगढ़
- मोहनियां
- भभुआ
- गोह
उत्तर बिहार से सीमांचल और मगध तक फैली हैं सीटें
इन 51 सीटों में से कई ऐसी हैं जो उत्तर बिहार से लेकर सीमांचल और मगध तक फैली हैं. यानी मुकाबला केवल उम्मीदवारों का नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों का भी है. भाजपा के लिए इन सीटों पर जीत उसकी सत्ता वापसी की राह आसान कर सकती है, वहीं राजद के लिए यह लड़ाई अपने “सबसे बड़े दल” के दर्जे को बरकरार रखने की है.
