50 लाख नौकरी देने के बाद CM नीतीश ने बताया अगले पांच साल का लक्ष्य, सोशल मीडिया पर बताया 2005 से पहले क्या था बिहार का हाल
CM Nitish Kumar: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण से पहले CM नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर बड़ा पोस्ट साझा किया. उन्होंने 2005 से पहले के बेरोजगारी और 'तिरस्कार' वाले दौर का जिक्र करते हुए, अपनी सरकार की 50 लाख नौकरी-रोजगार की उपलब्धियाँ गिनाईं और 2030 तक 1 करोड़ नौकरी देने का महा-लक्ष्य बताया.
CM Nitish Kumar: बिहार की राजनीति और समाज में रोजगार हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण से पहले CM नीतीश कुमार ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर एक बहुत बड़ा पोस्ट लिखकर साझा किया है. CM नीतीश कुमार ने 2005 से पहले विपक्ष का हाल बताया फिर अपने काम का किया जिक्र.
CM Nitish Kumar ने बताया वर्ष 2005 से पहले का बिहार
CM नीतीश कुमार ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि ‘वर्ष 2005 से पहले का दौर किसी भी बिहारी के लिए गर्व का विषय नहीं था. उस समय राज्य में बेरोजगारी चरम पर थी, सरकारी विभागों में बहालियां वर्षों से बंद थीं, और जो कुछ पद निकलते भी थे, वे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते थे. नौकरी पाने के लिए युवाओं को अपनी जमीन तक गिरवी रखनी पड़ती थी. हालात इतने खराब थे कि बिहार के युवा जब रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में जाते, तो उन्हें तिरस्कार झेलना पड़ता। “बिहारी” कहलाना मानो अपमान का पर्याय बन गया था.
CM बनने के बाद नीतीश कुमार ने क्या-क्या किया?
इन्हीं परिस्थितियों में 24 नवंबर 2005 को बिहार में नई सरकार का गठन हुआ. नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार ने युवाओं के लिए सरकारी नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराने की ठोस नीति तैयार की. सरकार ने सबसे पहले सभी विभागों में खाली पड़े पदों की बहाली शुरू की. नतीजतन 2005 से 2020 के बीच करीब 8 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और लाखों लोगों को निजी क्षेत्र में रोजगार दिया गया.
वर्ष 2020 में सरकार ने ‘सात निश्चय–2’ योजना के तहत अगले पांच वर्षों में 10 लाख सरकारी नौकरियों और 10 लाख रोजगारों का लक्ष्य तय किया. यह लक्ष्य अपेक्षा से कहीं अधिक हासिल हुआ वर्ष 2020 से 2025 के बीच न केवल 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई, बल्कि 40 लाख से अधिक लोगों को रोजगार भी मिला. यानी कुल 50 लाख युवाओं को नौकरी और रोजगार का अवसर मिला, जो राज्य के इतिहास में अभूतपूर्व उपलब्धि है.
(2025-2030) तक CM Nitish Kumar का क्या है लक्ष्य
अब सरकार ने वर्ष 2025 से 2030 तक के लिए और बड़ा लक्ष्य तय किया है 1 करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देने का. इसके लिए विभिन्न विभागों में नए पद सृजित किए जा रहे हैं, तकनीकी संस्थानों में कौशल विकास प्रशिक्षण शुरू किया गया है, और राज्य में औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए नई उद्योग नीति लागू की गई है. हर जिले में लैंड बैंक तैयार किया जा रहा है, ताकि उद्योग लगाने के लिए भूमि की उपलब्धता आसान हो सके. आज बिहार में सड़क, रेल और हवाई संपर्क बेहतर है, बिजली आपूर्ति निर्बाध है, और सबसे महत्वपूर्ण बात राज्य में कानून का राज स्थापित हुआ है.
संविदा पर कार्यरत कर्मियों के लिए भी सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. उन्हें 60 वर्ष तक सेवा विस्तार, नियमित मानदेय वृद्धि, और सरकारी नियुक्तियों में अनुभव आधारित प्राथमिकता जैसी सुविधाएं दी गई हैं. विकास मित्र, टोला सेवक, तालिमी मरकज, डाटा एंट्री ऑपरेटर सहित सभी संविदाकर्मियों के लिए क्षमता वृद्धि प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है ताकि वे सरकारी कर्मचारियों के समान सुविधाएं प्राप्त कर सकें.
बिहार में अब तक कितने खिलाड़ियों को मिली नौकरी?
राज्य के युवाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से बिहार युवा आयोग का गठन किया गया है. खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए “मेडल लाओ, नौकरी पाओ” योजना के तहत 454 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है. इसके अलावा बिहार खेल छात्रवृत्ति योजना के माध्यम से 725 प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है बुनियादी स्तर पर प्रति वर्ष ₹3 लाख, विकासात्मक स्तर पर ₹5 लाख और विशिष्ट स्तर पर ₹20 लाख तक.
बिहार ने अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेजबानी में भी अपनी पहचान बनाई है महिला हॉकी एशिया कप 2025, पुरुष हॉकी एशिया कप 2025, सेपक टकरा विश्व कप 2025 और खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 जैसे आयोजन बिहार की बदलती तस्वीर का प्रमाण हैं. राज्य के 3,000 से अधिक पंचायतों में खेल मैदान बनाए जा चुके हैं ताकि ग्रामीण स्तर पर प्रतिभाओं को आगे लाया जा सके.’
