Ekama Vidhansabha: 2025 में एकमा विधानसभा सीट पर NDA और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर संभव
Ekama Vidhansabha: एकमा विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास उतार-चढ़ाव से भरा रहा है. 2020 के चुनाव में राजनीतिक समीकरण बदला और राजद के श्रीकांत यादव ने जदयू की सीता देवी को 13,927 मतों से हराकर सीट पर कब्जा जमाया.
Ekama Vidhansabha: सारण, बिहार की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाली एकमा विधानसभा सीट एक बार फिर सियासी घमासान का केंद्र बनने जा रही है. सारण जिले में स्थित यह सीट जातीय समीकरण, क्षेत्रीय प्रभाव और राजनीतिक दांवपेचों के कारण हमेशा चर्चा में रही है. 2025 के आगामी विधानसभा चुनाव में इस सीट पर एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना जताई जा रही है.
2020 के चुनाव में JDU को लगा था झटका
एकमा विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास उतार-चढ़ाव से भरा रहा है. 1951 में कांग्रेस के लक्ष्मी नारायण सिंह यहां के पहले विधायक बने. 2010 तथा 2015 में जदयू के मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह ने जीत हासिल की. हालांकि, 2020 के चुनाव में राजनीतिक समीकरण बदला और राजद के श्रीकांत यादव ने जदयू की सीता देवी को 13,927 मतों से हराकर सीट पर कब्जा जमाया.
ये है जातीय समीकरण
एकमा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 3 लाख है. इनमें 12% अनुसूचित जाति, 3.6% अनुसूचित जनजाति और करीब 10% मुस्लिम मतदाता हैं. यह सामाजिक समीकरण चुनावी नतीजों पर गहरा असर डालता है. 2020 में यहां लगभग 51% मतदान दर्ज किया गया था.
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लोकसभा चुनाव में NDA को मिली थी बढ़त
हाल ही में संपन्न 2024 के लोकसभा चुनावों में महाराजगंज संसदीय क्षेत्र, जिसमें एकमा शामिल है, में बीजेपी को बढ़त मिली है. इससे संकेत मिलता है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में एनडीए पहले से मजबूत स्थिति में उतर सकती है, खासकर जब लोजपा जैसे दल फिर से एनडीए में शामिल हो गए हैं. दूसरी ओर, राजद विधायक श्रीकांत यादव को अपने कार्यकाल के प्रदर्शन के आधार पर मतदाताओं का समर्थन बरकरार रखने की चुनौती होगी.
