आज जारी होगी SIR ड्राफ्ट वोटर लिस्ट, नाम कट गया हो तो न घबराएं, जानिए कब तक और कैसे जुड़वा सकते हैं अपना नाम
Bihar Voter List Revision: बिहार में चुनाव आयोग ने शुक्रवार को नई वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट जारी करेगा. जो घर-घर चलाए गए मतदाता सत्यापन अभियान के आधार पर तैयार की गई है. अब मतदाता 2 अगस्त से 1 सितंबर तक चलने वाले विशेष कैंपों में अपने नाम जुड़वाने, हटवाने या सुधार करवाने के लिए दावे और आपत्तियां दर्ज कर सकेंगे.
Bihar Voter List Revision: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी के तहत चुनाव आयोग ने शुक्रवार को राज्य की नई वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट जारी करेगा. यह लिस्ट घर-घर चलाए गए मतदाता सत्यापन अभियान के आधार पर तैयार की गई है. आयोग ने मतदाताओं को लिस्ट में नाम जुड़वाने, हटाने या किसी तरह की गलती सुधारने के लिए एक और मौका दिया है. इसके लिए 2 अगस्त से 1 सितंबर तक विशेष शिविर लगाए जाएंगे.
हर प्रखंड और नगर निकाय कार्यालयों में लगेंगे कैंप
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल के निर्देश पर ये विशेष कैंप सभी प्रखंड सह अंचल कार्यालयों, नगर परिषद, नगर निगम और निकाय कार्यालयों में लगाए जाएंगे. कैंप सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहेगा और रविवार को भी कार्य होगा. इसके अलावा बीएलओ को निर्देश दिया गया है कि वे दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं के घर जाकर आवेदन स्वीकार करें.
वोटर लिस्ट से 65 लाख नाम हटे, अब 7.24 करोड़ मतदाता
इस बार के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के पहले चरण में कुल 7.24 करोड़ मतदाता चिन्हित किए गए हैं. पहले यह संख्या 7.89 करोड़ थी. यानी 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं. हटाए गए नामों में 22 लाख मृतक, 36 लाख अन्य स्थानों पर स्थानांतरित हो चुके और 7 लाख नए जगह स्थायी निवास कर चुके लोग शामिल हैं.
24 जून से 25 जुलाई तक चला था पहला चरण, 99.8% कवरेज
SIR की शुरुआत 24 जून 2025 को हुई थी और इसका पहला चरण 25 जुलाई तक चला. इस दौरान 99.8 प्रतिशत घरों तक पहुंच कर फॉर्म एकत्र किए गए. अभियान का मकसद फर्जी, दोहराए गए और अप्रासंगिक नामों को हटाना और योग्य नए मतदाताओं को जोड़ना था.
सुप्रीम कोर्ट ने दी थी प्रक्रिया जारी रखने की मंजूरी
गौरतलब है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था. अदालत ने इसे चुनाव आयोग की संवैधानिक जिम्मेदारी बताते हुए प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. हालांकि, कोर्ट ने टाइमिंग और दस्तावेजों को लेकर सवाल उठाए और आयोग से कहा कि आधार कार्ड, वोटर आईडी और राशन कार्ड को भी वैध दस्तावेज माना जाए.
