Bihar Election 2025: JDU-BJP के 3 कद्दावर नेता RJD में शामिल, तेजस्वी के रोडमैप से प्रभावित होकर थामा लालटेन का हाथ
Bihar Election 2025: बिहार की सियासत में एक और उलटफेर देखने को मिला है. जदयू और बीजेपी से जुड़े कई नेता मंगलवार को राजद में शामिल हो गए. तेजस्वी यादव की नीतियों और बदलाव के एजेंडे को वजह बताते हुए उन्होंने राजद का दामन थामा.
Bihar Election 2025: बिहार की राजनीति में दल-बदल का सिलसिला जारी है. मंगलवार को जदयू किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव डॉ. अभिषेक मिश्रा, भाजपा नेता रामकेवल गुप्ता और हरिनंदन ठाकुर ने राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली. पटना में आयोजित मिलन समारोह में राजद के प्रधान महासचिव रणविजय साहू ने तीनों नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई. इस मौके पर प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद और महासचिव डॉ. प्रेम कुमार गुप्ता भी मौजूद रहे.
तेजस्वी ने बिहार की राजनीति में बनाया सकारात्मक माहौल
रणविजय साहू ने कहा कि राजद में लगातार हो रही आवक इस बात का संकेत है कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व और उनकी सोच पर लोगों का भरोसा बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि रोजगार और विकास को केंद्र में रखकर तेजस्वी यादव ने बिहार की राजनीति में सकारात्मकता और नए विकल्प का माहौल बनाया है. विद्वेष की राजनीति खत्म करने और युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के उनके प्रयासों को आमजन सराह रहे हैं.
वोटर अधिकार यात्रा का असर
राजद नेताओं ने दावा किया कि हाल ही में संपन्न हुई वोटर अधिकार यात्रा ने महागठबंधन की पकड़ को मजबूत किया है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव, एजाज अहमद और अन्य नेताओं ने कहा कि इस यात्रा की सफलता लोकतंत्र को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम है. उनका कहना है कि बिहार की जनता ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के प्रति जिस विश्वास का प्रदर्शन किया है, उसने भाजपा और जदयू खेमे में बेचैनी बढ़ा दी है.
जनता का झुकाव महागठबंधन की ओर?
राजद का कहना है कि लगातार नेताओं का पार्टी में शामिल होना यह संकेत है कि बिहार बदलाव चाहता है. सत्ता पक्ष के नेता खुद विपक्षी दल में शामिल होकर यह स्वीकार कर रहे हैं कि मौजूदा सरकार जन अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरी है. राजद नेताओं ने कहा कि महागठबंधन की जीत ही राज्य में सकारात्मक बदलाव का मार्ग प्रशस्त करेगी.
राजनीतिक समीकरणों पर असर
विश्लेषकों का मानना है कि विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं का इस तरह दल बदलना सामान्य है, लेकिन जदयू और भाजपा से जुड़े नेताओं का राजद में जाना गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठाता है. खासकर तब जब एनडीए पहले से ही विपक्ष के हमलों और जनता की नाराजगी से जूझ रहा है.
