‘इस जन्म में शादी नहीं करूंगी…,’ पुष्पम प्रिया चौधरी ने कहा- जिस दिन हम एक भी सीट जीतेंगे, उस दिन अपना…

Pushpam Priya Chaudhary: राजनीति को अपना जीवन समर्पित कर चुकीं द प्लूरल्स पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी ने साफ कहा है कि इस जन्म में वे शादी नहीं करेंगी. उन्होंने कहा कि बिहार के भविष्य को संवारना ही अब उनका एकमात्र मकसद है, और इसके लिए उन्होंने निजी जीवन में भी बड़े त्याग किए हैं.

By Abhinandan Pandey | July 30, 2025 1:29 PM

Pushpam Priya Chaudhary: बिहार की राजनीति में बदलाव की बात करने वाली द प्लूरल्स पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी ने अपने जीवन को पूरी तरह राज्य के भविष्य को समर्पित कर दिया है. दरभंगा में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि राजनीति में आना उनके जीवन का सबसे बड़ा और कठिन निर्णय था, जिसके लिए उन्हें निजी जीवन और करियर दोनों में कई बलिदान देने पड़े.

”इस जन्म में नहीं करूंगी शादी”

पुष्पम प्रिया ने कहा, “इस जन्म में शादी नहीं करूंगी. बिहार के बच्चों का भविष्य संवारने के लिए खुद का परिवार नहीं बनाऊंगी. अगला जन्म मिला, तो शायद विवाह करूंगी, लेकिन इस जन्म में मेरा हर कदम बिहार के लिए होगा.”

ईमानदारी से चलने का संकल्प…

उन्होंने कहा कि अगर उनके पिता का नाम लालू प्रसाद यादव जैसा होता, तो शायद उनके जीवन के फैसले भी अलग होते. लेकिन उन्होंने अपना रास्ता खुद चुना है और उस पर ईमानदारी से चलने का संकल्प लिया है.

जीत के लिए त्याग जरूरी…

राजनीति में आने के बाद उनकी प्राथमिकताएं पूरी तरह बदल गई हैं. “जब छोटी थी, तो शादी को लेकर सामान्य सोच थी, जैसी हर लड़की की होती है. लेकिन जब राजनीति में आई, तो समझ में आया कि यह कोई टाइम पास नहीं, बल्कि एक युद्ध है, जिसमें जीत के लिए त्याग जरूरी है.”

शादी के बाद महिलाओं पर आ जाती है अधिक जिम्मेदारी

पुष्पम प्रिया ने यह भी बताया कि उन्होंने शादी इसलिए नहीं की क्योंकि वे जानती हैं कि शादी के बाद महिलाओं पर अधिक जिम्मेदारी आ जाती है. “यदि मैं शादी कर लूं, तो पूरे परिवार की जिम्मेदारी मुझ पर आ जाएगी. तब मैं राजनीति में पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ काम नहीं कर पाऊंगी.”

चेहरा देखकर लोग करते हैं वोट

बिहार की मौजूदा राजनीति पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि यहां के लोग चेहरा देखकर वोट करते हैं, सोच या विचारधारा नहीं देखते. जाति और धर्म के नाम पर मतदान होता है और असली मुद्दे पीछे छूट जाते हैं. उन्होंने कहा, “जिस दिन हम एक भी सीट जीतेंगे, उस दिन अपना मास्क हटा देंगे. जनता को चाहिए कि चेहरा नहीं, सोच देखे. चेहरा तो पहले बहुत देख लिया गया है, अब सोच बदलने का वक्त है.”

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