Bihar Election 2025: कांग्रेस 76 और VIP की 60 सीटों पर दावेदारी, जानिए RJD की कितनी सीटों पर चुनाव लड़ने की है तैयारी

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन ने सीट बंटवारे के साथ उम्मीदवारों के नाम तय करने की कवायद तेज कर दी है. राजद ने सहयोगी दलों से सीटों के साथ उम्मीदवारों की सूची भी मांगी है, ताकि दशहरा तक साझा घोषणा कर गठबंधन की एकजुटता का संदेश दिया जा सके.

By Abhinandan Pandey | September 23, 2025 9:16 AM

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की औपचारिक घोषणा अब बस कुछ ही दिनों में होने वाली है. ऐसे में महागठबंधन (Grand Alliance) ने सीट बंटवारे के साथ-साथ उम्मीदवारों की घोषणा की रणनीति पर तेजी से काम शुरू कर दिया है. इस बार गठबंधन ने तय किया है कि दशहरा तक न केवल सीटें फाइनल की जाएंगी बल्कि उम्मीदवारों के नाम भी साझा कर दिए जाएंगे.

सूत्रों के मुताबिक, गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने सहयोगियों से साफ कहा है कि वे सीटों के साथ-साथ उम्मीदवारों के नाम भी प्रस्तुत करें. राजद नेताओं का मानना है कि इससे मतदाताओं के बीच मजबूत संदेश जाएगा और उम्मीदवारों को तैयारी का समय भी मिलेगा.

कांग्रेस ने 76 सीटों पर की दावेदारी

जानकारी के अनुसार, कांग्रेस ने 76 सीटों पर दावेदारी की है और अपने अधिकांश उम्मीदवारों के नाम राजद को सौंप दिए हैं. वहीं, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने 60 सीटों पर दावा ठोका है, लेकिन उसने केवल लगभग आधी सीटों पर ही उम्मीदवारों की सूची दी है. वामदलों (भाकपा माले, माकपा और भाकपा) ने 40 सीटों पर दावेदारी की है और उम्मीदवारों की सूची राजद को सौंपी है.

राजद की 130 सीटों पर लड़ने की तैयारी

दूसरी ओर, राजद खुद कम से कम 130 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है. साथ ही, गठबंधन में दो नए सहयोगियों- रालोजपा और झामुमो की भी एंट्री तय मानी जा रही है. इन्हें 6 से 8 सीटें मिलने की संभावना है. राजद ने इन दलों से भी सीटों के साथ उम्मीदवारों की सूची मांगी है.

उम्मीदवार को दूसरे दल के चुनाव चिह्न पर भी लड़ाया जा सकता है…

गठबंधन नेताओं का कहना है कि यह रणनीति सिर्फ सीट बंटवारे तक सीमित नहीं है, बल्कि “जीत सुनिश्चित करने” की कवायद है. यदि किसी सीट पर एक से अधिक दलों का दावा होगा तो शीर्ष नेता मिल-बैठकर तय करेंगे कि किस उम्मीदवार की जीत की संभावना सबसे अधिक है. उस स्थिति में उम्मीदवार को दूसरे दल के चुनाव चिह्न पर भी लड़ाया जा सकता है. महागठबंधन का मानना है कि सीटों और उम्मीदवारों की एकसाथ घोषणा से जनता के बीच एकजुटता का संदेश जाएगा, जिससे चुनावी लाभ मिलने की उम्मीद है.

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