Bihar Election 2025: विवाद बढ़ते ही रोहिणी आचार्य ने X अकाउंट किया प्राइवेट, जानिए क्या छिपा रहीं हैं लालू की बेटी
Bihar Election 2025: लालू प्रसाद यादव की बेटी और RJD नेता रोहिणी आचार्य के एक सोशल मीडिया पोस्ट ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है. व्यक्तिगत और राजनीतिक राय रखने के बाद उन्होंने अपना एक्स अकाउंट प्राइवेट कर लिया, जिससे पार्टी और परिवार के भीतर खींचतान की अटकलें तेज हो गई हैं.
Bihar Election 2025: बिहार की राजनीतिक गलियारों में लालू परिवार की बेटी और RJD नेता रोहिणी आचार्य के सोशल मीडिया पोस्ट ने हलचल मचा दी है. शुक्रवार 19 सितंबर 2025 को रोहिणी ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की, जिसमें उन्होंने अपनी निजी और राजनीतिक राय व्यक्त की. हालांकि, इसके तुरंत बाद उन्होंने अपना अकाउंट प्राइवेट कर दिया, जिससे अब उनके पोस्ट केवल फॉलोअर्स ही देख सकते हैं और आम जनता से छिप गए हैं.
पोस्ट में क्या लिखा था?
अपने पोस्ट में रोहिणी ने लिखा, “मैंने एक बेटी और बहन के तौर पर अपना कर्तव्य और धर्म निभाया है और आगे भी निभाती रहूंगी. मुझे किसी पद की लालसा नहीं है, न मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है. मेरे लिए मेरा आत्मसम्मान सर्वोपरि है.”
पोस्ट से यह साफ नहीं होता कि रोहिणी किस विवाद या व्यक्ति को लेकर नाराज हैं, लेकिन राजनीतिक जानकार इसे RJD सांसद संजय यादव (तेजस्वी यादव के सलाहकार) से जोड़ रहे हैं. माना जा रहा है कि तेज प्रताप यादव पहले ही संजय यादव को बिना नाम लिए ‘जयचंद’ कह चुके हैं, जिससे परिवार और पार्टी के अंदर हल्की खींचतान की खबरें उभर रही हैं.
अकाउंट प्राइवेट करने के पीछे की वजह
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि रोहिणी के अकाउंट को प्राइवेट करने के दो प्रमुख कारण हो सकते हैं:
- अपनी निजी राय के चलते संभावित आलोचना से बचाव.
- परिवार और पार्टी के नेताओं के बीच किसी भी विवाद को बढ़ने से रोकना.
सोशल मीडिया पर रोहिणी के पोस्ट का तेजी से वायरल होना और अकाउंट प्राइवेट करना जनता और राजनीतिक पार्टियों दोनों के लिए चर्चा का विषय बन गया है. कुछ लोग इसे समझदारी भरा कदम बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे विवाद छुपाने की कोशिश मान रहे हैं.
चुनावी राजनीति पर असर
रोहिणी का यह कदम बिहार विधानसभा चुनाव की राजनीति में हलचल पैदा कर सकता है. चुनाव से पहले लालू परिवार और RJD के नेताओं के हर कदम पर मीडिया और जनता की निगाहें रहती हैं. इस पोस्ट और अकाउंट प्राइवेट करने की कार्रवाई ने यह सवाल भी खड़ा किया है कि क्या पार्टी में किसी प्रकार का आंतरिक मतभेद या विभाजन दिखाई दे सकता है.
