Bihar Exit Poll 2025: बिहार चुनाव के एग्जिट पोल में इस पार्टी की बल्ले-बल्ले, कर सकती है धमाकेदार वापसी

Bihar Exit Poll 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण का मतदान खत्म हो चुका है. इस फेज में भी मतदाताओं ने गजब का उत्साह दिखाया. IANS के एग्जिट पोल में नीतीश कुमार की पार्टी को सबसे ज्यादा सीट मिलने की उम्मीद जताई गई है.

By Paritosh Shahi | November 11, 2025 6:00 PM

Bihar Exit Poll 2025: बिहार में फिलहाल नीतीश कुमार वाली एनडीए की सरकार है. 2005 से लेकर 2020 तक हुए लगभग हर विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले गठबंधन ने जीत दर्ज की है. हालांकि 2015 के चुनाव में महागठबंधन को सफलता मिली थी, तब जेडीयू भी उसी गठबंधन का हिस्सा था. इस बार भी मुख्य मुकाबला सत्ता में मौजूद एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच देखने को मिल रहा है.

प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने भी चुनावी मैदान में उतरकर मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है. बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में से 121 सीटों पर पहले चरण में 6 नवंबर को मतदान हुआ था. उस चरण में 64 प्रतिशत से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. दूसरे चरण में भी मतदाताओं में काफी उत्साह देखा गया और बड़ी संख्या में लोगों ने मतदान केंद्रों पर पहुंचकर वोट डाले.

नीतीश कुमार की पार्टी के लिए शुभ संकेत

बिहार चुनाव को लेकर आये MATRIZE-IANS के एग्जिट पोल में NDA को 48%, महागठबंधन को 37% और अन्य को 15% वोट मिलने का अनुमान जताया गया है.

इस एग्जिट पोल के मुताबिक जदयू सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी. MATRIZE-IANS के एग्जिट पोल में जदयू को 67 से 75 सीट मिलने की उम्मीद जताई गई है. बीजेपी को 65 से 73 सीट मिलने की संभावना है. लालू यादव की पार्टी राजद को 50 से 58 सीट मिल सकती है.

2020 में जदयू तीसरे स्थान पर रही थी

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के जब नतीजे आये उसमें लालू यादव की पार्टी राजद (75) को सबसे ज्यादा सीट मिले. दूसरे नंबर पर बीजेपी (74) थी. 43 सीटों के साथ नीतीश कुमार की पार्टी तीसरे नंबर रही थी.

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एग्जिट पोल क्या होता है

एग्जिट पोल के जरिए चुनाव परिणामों की एक अनुमानित तस्वीर सामने आती है. एग्जिट पोल एक प्रकार का सर्वे होता है. इसमें मतदान के तुरंत बाद मतदाताओं से बातचीत की जाती है. इसमें यह जानने की कोशिश की जाती है कि उन्होंने किस उम्मीदवार या पार्टी को वोट दिया है. चूंकि यह सर्वे वोट डालने के बाद मतदान केंद्र के बाहर किया जाता है, इसलिए इसे एग्जिट पोल कहा जाता है.

सर्वे करने वाली एजेंसियों की टीमें मतदान केंद्रों के बाहर खड़ी होकर वोट डालकर निकल रहे मतदाताओं से सवाल करती हैं. इन मतदाताओं की प्रतिक्रियाओं और जवाबों को इकट्ठा करने के बाद उसका विश्लेषण किया जाता है. विश्लेषण के आधार पर ही चुनाव परिणामों का अनुमान तैयार किया जाता है. भारत में कई सर्वे एजेंसियां इस तरह के एग्जिट पोल करती हैं, ताकि यह समझा जा सके कि जनता का झुकाव किस दिशा में है. वो मौजूदा सरकार से खुश है या बदलाव चाहती है. इस पोल के आंकड़े हमेशा सही नहीं होते हैं.

इस पोल में जिस पार्टी की सरकार बनती दिखाई जाती है उसका कहना होता है कि हमें शुरू से ही पता था कि जनता का समर्थन मिलेगा. वहीं, विपक्षी दल के नेता कहते हैं कि हमें इस पोल पर भरोसा नहीं है. हम नतीजा आने का इंतजार करेंगे.

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