Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध का कहीं फेक वीडियो तो नहीं पहुंच रहा आप तक ? ऐसे करें जांच

Russia Ukraine War Fake Video : आप तस्वीरों के फर्जी या असली होने के बारे में तथ्यों के आधार पर खुद जांच कर सकते हैं. आप इसके लिए पांच कदम उठा सकते हैं...

By Agency | February 27, 2022 2:05 PM

Russia Ukraine War Fake Video : पिछले कुछ दिनों में यूक्रेन पर रूसी हमले की चिंताजनक तस्वीरें सामने आ रही हैं और ऐसे में लाखों लोग ऐसे भी हैं, जो फेसबुक, ट्विटर, टिकटॉक और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया मंचों पर संघर्ष के बारे में गलत सूचना प्रसारित कर रहे हैं या घटनाक्रमों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं. इसका एक उदाहरण टिकटॉक पर जारी सैन्य विमानों का एक वीडियो है, जो कि पुराना है, लेकिन इसे यूक्रेन के ताजा हालात का सीधा प्रसारण बताकर साझा किया गया है. फर्जी वीडियो बनाने की सबसे आम तकनीक क्या है? पहले से मौजूद किसी तस्वीर या वीडियो को किसी और समय या स्थान का बताकर साझा करना गलत सूचना देने का सबसे आम तरीका है.

इसके अलावा, किसी घटना का मंचन करके उसे वास्तविकता के रूप में पेश करना भी एक आसान तरीका है. साथ ही वीडियो को शूट करने के खास तरीकों या फोटोशॉप के जरिये तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ करके भी गलत जानकारी दी जा सकती है. इससे बचने के लिए क्या किया जा रहा है? ‘बेलिंगकेट’ जैसे यूरोपीय संगठनों ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को लेकर सोशल मीडिया के संदिग्ध दावों की सूची बनाकर उनका सच सामने लाना शुरू किया है. कई पत्रकार और फर्जी वीडियो की सच्चाई बताने वाले संगठन फुटेज की सत्यता जांचने और फर्जी वीडियो के बारे में जागरुकता फैलाने का काम कर रहे हैं. मैं इनके बारे में क्या कर सकता हूं?

आप तस्वीरों के फर्जी या असली होने के बारे में तथ्यों के आधार पर खुद जांच कर सकते हैं. आप इसके लिए पांच कदम उठा सकते हैं…

1. मेटाडाटा की समीक्षा करें. मेटाडाटा की समीक्षा के लिए आप फाइल डाउनलोड करके उसकी सत्यता जांचने के लिए ‘एडोब फोटोशॉप’ या ‘ब्रिज’ का इस्तेमाल कर सकते है.

2. तथ्यों की जांच करने वाले संगठनों से संपर्क करें. ऑस्ट्रेलियन एसोसिएटेड प्रेस, आरएमआईटी/एबीसी, एजेंसे फ्रांस-प्रेसे (एएफपी) और बेलिंगकैट जैसे मीडिया संगठन उन वीडियो की सूची तैयार करते हैं, जिनकी उनकी टीम ने तथ्यों के आधार पर समीक्षा की है.

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3. ‘सर्च’ का दायरा बढ़ाएं. यदि किसी पुरानी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है तो आप इस फुटेज को कहीं और भी ढूंढ सकते हैं.

4. वीडियो में उपलब्ध विसंगतियों पर ध्यान दें. यह जांचें कि क्या वीडियो में दर्शाया गया समय घटनास्थल पर मौजूद घड़ियों में दिखाए गए समय या प्रकाश की स्थिति से मेल खा रहा है या नहीं.

5. अपने आप से कुछ सरल सवाल करें. खुद से पछें कि क्या आप जानते हैं कि यह वीडियो कहां, कब और क्यों शूट किया गया? क्या आप जानते हैं कि इसे किसने बनाया है और क्या यह मूल संस्करण है? यदि आपको वीडियो की सत्यतता को लेकर कोई भी संदेह है तो उसे साझा नहीं करें. इस तरह आप दुष्प्रचार के प्रभाव को कम करने और यूक्रेन में असल हालात को सामने लाने में मदद कर सकते हैं.

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