Danger: धरती की तरफ बढ़ रहा बुर्ज खलीफा जितना बड़ा Asteroid, मिसाइल से कई गुना तेज है रफ्तार

Giant Asteroid To Make Near Earth Approach on November 29: Giant Asteroid To Make Near Earth Approach on November 29: एक उल्कापिंड (asteroid) के पृथ्वी (earth) की तरफ काफी तेजी से बढ़ रहा है. यह उल्कापिंड दुनिया की सबसे ऊंची इमारत दुबई की बुर्ज खलीफा (burj khalifa) जितना बड़ा बताया जा रहा है. नासा (nasa) के वैज्ञानिकों की मानें, तो अगर यह उल्का पिंड पृथ्वी से टकराता है तो इससे भयानक तबाही आ सकती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2020 2:23 PM

Giant Asteroid To Make Near Earth Approach on November 29: 2020 का यह साल दुनिया के सामने तरह तरह की परेशानियां खड़ी कर रहा है. कोरोना (coronavirus) से लेकर क्लाइमेट चेंज (climate change) तक, लोग तमाम चीजों का सामना कर रहे हैं. इसी बीच एक परेशान करने वाली खबर और आ रही है. दरअसल, एक उल्कापिंड (asteroid) के पृथ्वी (earth) की तरफ काफी तेजी से बढ़ रहा है. यह उल्कापिंड दुनिया की सबसे ऊंची इमारत दुबई की बुर्ज खलीफा (burj khalifa) जितना बड़ा बताया जा रहा है. नासा (nasa) के वैज्ञानिकों की मानें, तो अगर यह उल्का पिंड पृथ्वी से टकराता है तो इससे भयानक तबाही आ सकती है. इस तरह एक बार फिर धरती पर बड़ा संकट आ गया है.

नासा के मुताबिक, उल्कापिंड का नाम 153201 2000 WO107 है. यह 29 नवंबर यानी रविवार को धरती के पास से गुजरेगा. यह उल्कापिंड 90 हजार किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से नीचे आ रहा है. इसका साइज 820 मीटर के आसपास बताया जा रहा है. जबकि बुर्ज खलीफा की ऊंचाई 829 मीटर है और यह दुनिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित संरचना है.

इस उल्कापिंड की गति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सामान्यतया एक मिसाइल की रफ्तार 4 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा होती है, वहीं बंदूक से दागी गई गोली साढ़े चार हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है. पृथ्वी और चंद्रमा के बीच औसत दूरी 3 लाख 85 हजार किलोमीटर है, लेकिन नासा इस दूरी के बारे में 20 गुना की सीमा में आने वाली हर चीज की निगरानी को प्राथमिकता देता है.

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ऐसे में इस उल्कापिंड के आकार और गति को देखते हुए, यह चिंता करना लाजिमी है कि अगर यह पृथ्वी पर गिरता है, तो इससे बहुत अधिक नुकसान होने की संभावना है. हालांकि, नासा का साफ तौर पर कहना है कि यह उल्कापिंड पृथ्वी से टकराने की संभावना नहीं है. नासा ने इस उल्कापिंड को नियर अर्थ ऑब्जेक्ट (NEO) की श्रेणी में रखा है.

नासा के अनुसार, 4.6 अरब साल पहले निर्मित हमारे सौरमंडल के चट्टानी, वायुहीन अवशेषों को उल्कापिंड कहा जाता है. नासा ने अब तक एक लाख से अधिक उल्कापिंडों का पता लगाया है. वर्ष 2020 में, कई छोटे और बड़े उल्कापिंड पृथ्वी के करीब से गुजर चुके हैं.

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