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डॉ अश्विनी

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अमीरों का क्लब है वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम

ऐसे मंच, जहां बहुराष्ट्रीय कंपनियों का दबदबा हो और सामान्य प्रतिनिधियों की कोई प्रभावी भूमिका न हो, उससे दुनिया के भले की कल्पना नहीं की जा सकती. समझना होगा कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ऐसा ही एक मंच है. ऐसे मंचों से विश्व को सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि उनका वास्तविक एजेंडा पारदर्शी नहीं है.

आर्थिक केंद्र भी है राम मंदिर

धार्मिक पर्यटन हमारे पर्यटन व्यवसाय का बड़ा भाग है, जिससे बड़ी मांग का सृजन होता है. अनुमान है कि भारत में धार्मिक पर्यटन का हिस्सा घरेलू पर्यटन में 60 प्रतिशत है, जबकि 11 प्रतिशत विदेशी सैलानी धार्मिक उद्देश्य से आते हैं.

संभव है ग्लोबल वार्मिंग का समाधान

यह माना जा सकता है कि कोयले से उत्सर्जन पेट्रोलियम पदार्थों के उत्सर्जन से ज्यादा होता है. लेकिन इस बहस में भारत का यह कहना था कि यदि जीवाश्म ईंधन के उपयोग को क्रमशः कम करना है, तो इसमें कोयले और पेट्रोलियम पदार्थों में भेद नहीं होना चाहिए. गौरतलब है कि भारत के पास कोयले के बड़े भंडार हैं.

नये संसद भवन पर बेमतलब सवाल

इस परियोजना के पूरे होने से केंद्र सरकार का खर्च बचेगा और उस धन का उपयोग विकास कार्यों के लिए किया जा सकेगा. साथ ही, कर्मचारियों को अपने विभिन्न विभागों में आने-जाने की असुविधा से भी बचाया जा सकेगा. उदाहरण के लिए, वाणिज्य मंत्रालय के कई विभागों के कार्यालय अन्य स्थानों में थे.

अर्थव्यवस्था की तेज होती रफ्तार

मैनुफैक्चरिंग में वृद्धि भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ की नीति की सफलता की ओर इंगित करती है. बड़ी संख्या में नयी उत्पादन इकाइयां हर क्षेत्र में स्थापित हो रही हैं. इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम, मशीनरी, सोलर, प्रतिरक्षा, केमिकल, खिलौने, वस्त्र सहित विभिन्न प्रकार के उत्पाद शामिल हैं.

नये कल्याणकारी राज्य का आरंभ

पूर्व में राजनीतिक दल उनकी गरीबी, अभाव और बेरोजगारी को दूर करने के छलावों से उनके वोट बटोर लिया करते थे. अब इन लाभार्थियों ने पिछले 9-10 सालों में सरकार की मदद और स्वयं के प्रयासों से इन अभावों से कुछ हद तक मुक्ति पायी है.