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भाजपा ने कर्सियांग सीट पर ठोका दावा, हिल्स नेताओं ने अमित शाह से की मुलाकात

सिलीगुड़ी. विधानसभा चुनाव से पहले एक पर एक राजनीतिक समीकरण बनते जा रहे हैं. दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र की सबसे प्रमुख पार्टी गोजमुमो को एक तरह से झटका लगने का क्रम जारी है. गोजमुमो के प्रमुख नेता हर्क बहादुर छेत्री पहले ही बागी होकर अपनी नयी पार्टी बना चुके हैं. इसके अलावा गोजमुमो के सहयोगी दल […]

सिलीगुड़ी. विधानसभा चुनाव से पहले एक पर एक राजनीतिक समीकरण बनते जा रहे हैं. दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र की सबसे प्रमुख पार्टी गोजमुमो को एक तरह से झटका लगने का क्रम जारी है. गोजमुमो के प्रमुख नेता हर्क बहादुर छेत्री पहले ही बागी होकर अपनी नयी पार्टी बना चुके हैं.

इसके अलावा गोजमुमो के सहयोगी दल भाजपा ने भी बिमल गुरूंग की परेशानी बढ़ानी शुरू कर दी है. दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र की तीन विधानसभा सीटों दार्जिलिंग, कर्सियांग तथा कालिम्पोंग से चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों में मारामारी की स्थिति बनी हुई है. तीनों विधानसभा सीटों पर पहले गोजमुमो का कब्जा था. वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में गोजमुमो को तीनों ही सीटों पर सफलता हासिल हुई थी. कुछ महीने पहले अलग गोरखालैंड राज्य बनाने की मांग एवं जीटीए में राज्य सरकार के हस्तक्षेप को लेकर बिमल गुरूंग ने अपने तीनों विधायकों को पद से इस्तीफा देने के लिए कहा था.

दार्जिलिंग तथा कर्सियांग के विधायकों ने तो अपना पद छोड़ दिया, लेकिन कालिम्पोंग के विधायक हर्क बहादुर छेत्री बागी हो गये. उन्होंने विधायक पद तो नहीं छोड़ा, उल्टे गोजमुमो को ही बाय-बाय कर दिया. आने वाले विधानसभा चुनाव में गोजमुमो का इन तीनों सीटों पर उम्मीदवार देना तय है. हालांकि पहाड़ पर इन दिनों गोजमुमो को चौरफा हमले का शिकार होना पड़ रहा है. एक ओर जहां तृणमूल कांग्रेस और हर्क बहादुर छेत्री गोजमुमो नेताओं की परेशानी बढ़ा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सहयोगी भाजपा ने भी तोल-मोल करना शुरू कर दिया है. लोकसभा चुनाव में गोजमुमो ने भाजपा उम्मीदवार एसएस अहलुवालिया का समर्थन किया था और उनकी भारी जीत हुई थी. इस बीच, हिल्स भाजपा ने दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के तीन विधानसभा सीटों में से एक सीट पर अपना दावा ठोक दिया है. हिल्स भाजपा ने गोजमुमो से तीन में से एक सीट मांगी है. इतना ही नहीं, हिल्स भाजपा के कई नेता इस मांग को लेकर पार्टी सुप्रीमो अमित शाह से मुलाकात भी कर चुके हैं. इन लोगों ने कर्सियांग सीट भाजपा के खाते में देने की मांग अमित शाह से की है. हिल्स भाजपा के विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इन लोगों ने प्रदेश प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय से भी बातचीत की है. सूत्रों ने बताया कि श्री विजयवर्गीय ने तीनों विधानसभा सीटों से तीन-तीन नाम देने का निर्देश हिल्स भाजपा के नेताओं को दिया है. नई दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करने वाले नेताओं में शुमार हिल्स भाजपा की महासचिव साफ-साफ तौर पर कर्सियांग सीट से अपना दावा ठोक दिया है.

इस मुद्दे पर दीपा बराइली का कहना है कि गोजमुमो को भी अपना गठबंधन धर्म का पालन करते हुए कर्सियांग सीट भाजपा को दे देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि पार्टी उन्हें टिकट देती है, तो वह कर्सियांग विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी. दीपा बराइली ने आगे कहा कि पहाड़ पर भाजपा मजबूत ताकत के रूप में उभरी है. वह तथा हिल्स भाजपा अध्यक्ष मनोज देवान पार्टी की सांगठनिक शक्ति बढ़ाने में लगी हुई हैं. भाजपा को एक सीट देने से गोजमुमो को भी लाभ होगा. इस बीच, हिल्स भाजपा के इस तेवर को देखते हुए गोजमुमो नेताओं का पारा भी बढ़ा हुआ है. इस मुद्दे पर कोई भी गोजमुमो नेता कुछ भी नहीं कहना चाहते. हालांकि पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हिल्स भाजपा के इस तेवर की जानकारी गोजमुमो नेताओं ने भाजपा सांसद एसएस अहलुवालिया को दे दी है. माना जा रहा है कि हिल्स भाजपा के इस रवैये के कारण एसएस अहलुवालिया नाराज हैं.

वह इस मामले में बीच-बचाव करने उतरे हैं. सूत्रों से बताया कि उन्होंने हिल्स भाजपा को इसके लिए फटकार भी लगायी है. दूसरी तरफ हिल्स भाजपा के नेता मानने के लिए तैयार नहीं हैं. भाजपा के हिल्स महासचिव दीपा बराइली ने कर्सियांग विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए अपना बायोडाटा भी प्रदेश प्रभारी तथा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेज दिया है.

क्या है स्थिति
दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में तीन विधानसभा सीटें हैं. दार्जिलिंग, कर्सियांग तथा कालिम्पोंग सीट पर आम तौर पर पहाड़ पर शक्तिशाली क्षेत्रीय पार्टियों की ही जीत होती है. 2007 से पहले पहाड़ पर गोरामुमो नेता सुवास घीसिंग की तूती बोलती थी. वहां के तीनों सीटों पर गोरामुमो के ही विधायक थे. उसके बाद अचानक घीसिंग कमजोर हो गये और कभी उनके सहयोगी रहे बिमल गुरूंग का राजनीतिक उत्थान हुआ. उन्होंने गोजमुमो नाम से अपनी एक पार्टी बनायी और वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में तीनों सीटों पर गोजमुमो की जीत हुई.

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