कौन हैं पाकिस्तान का पहला हिंदू पुलिस ऑफिसर, जानिए राजेंद्र मेघवार के बारे में

Who is First Hindu Officer in Pakistan: पाकिस्तान में हिंदू समुदाय का रहना काफी मुश्किल भरा है. लेकिन पाकिस्तान से एक ऐतिहासिक उपलब्धि सामने आई है. पाकिस्तान में राजेंद्र मेघवार वहां के पहले हिंदू पुलिस अधिकारी बन गए हैं. सिंध के पिछड़े जिले बदीन से आने वाले राजेंद्र ने कड़ी मेहनत से सिविल सेवा परीक्षा (CCS) पास की और अब उन्हें पुलिस सर्विस ऑफ पाकिस्तान (PSP) में बतौर एएसपी फैसलाबाद के गुलबर्ग में तैनात किया गया है.

By Ayush Raj Dwivedi | May 14, 2025 2:49 PM

Who is First Hindu Officer in Pakistan: पाकिस्तान की स्थापना के बाद शुरूआती वर्षों में हिंदुओं को सेना में भर्ती की अनुमति नहीं थी. हालांकि 21वीं सदी की शुरुआत के बाद इस नीति में बदलाव आया और हिंदू समुदाय के युवाओं के लिए भी सेना के दरवाज़े खुले. वर्ष 2006 में कैप्टन दानिश पहले हिंदू अधिकारी बने जिन्होंने पाकिस्तानी सेना में सेवा दी. आज पाकिस्तान आर्मी में करीब 200 हिंदू सैनिक कार्यरत हैं. जिनमें से कुछ को हाल के वर्षों में प्रमोशन भी मिला है.

राजेंद्र मेघवार हैं पाकिस्तान के पहले हिंदू पुलिस अधिकारी

सेना के बाद अब सिविल सेवाओं में भी हिंदू समुदाय के लोग अपनी जगह बना रहे हैं. राजेंद्र मेघवार सिंध प्रांत के पिछड़े ज़िले बदीन से ताल्लुक रखते हैं. राजेंद्र मेघवार ने पाकिस्तान की सिविल सेवा परीक्षा (CCS) पास की और अब उन्हें पुलिस सर्विस ऑफ पाकिस्तान (PSP) में नियुक्त किया गया है. उनकी पोस्टिंग फैसलाबाद के गुलबर्ग एरिया में बतौर एएसपी (असिस्टेंट पुलिस अधीक्षक) की गई है.

राजेंद्र मेघवार पाकिस्तान पुलिस के पहले हिंदू अधिकारी हैं. उन्होंने इस अवसर पर खुशी जाहिर की और कहा कि अब उन्हें समाज की सेवा करने का मौका मिलेगा. वे सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहते हैं और छात्र-छात्राओं को परीक्षा की तैयारी के टिप्स साझा करते हैं.

पाकिस्तान ने लौटाया भारत का बीएसएफ जवान

बीएसएफ के अनुसार 14 मई को सुबह 10:30 बजे साहू को संयुक्त चेक पोस्ट अटारी, अमृतसर के माध्यम से भारत को सौंपा गया. यह हस्तांतरण दोनों देशों के स्थापित प्रोटोकॉल और शांतिपूर्ण संवाद के तहत संपन्न हुआ. बीएसएफ ने पाकिस्तान द्वारा सहयोग दिखाने पर संतोष व्यक्त किया है.

क्या है पूरा मामला?

बीएसएफ कांस्टेबल पूर्णम कुमार साहू उस समय पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात थे. भारत-पाक तनाव के बीच गलती से सीमा पार कर जाने के बाद उन्हें पाकिस्तानी रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था. इसके बाद भारत ने लगातार कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर दबाव बनाकर उनकी वापसी की मांग की.