ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ पर लगाया पक्षपात का आरोप, तो WHO ने की ये अपील

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ने जिनेवा में एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया, ‘‘अमेरिका और चीन को एक साथ आना चाहिए और इस खतरनाक दुश्मन से लड़ना चाहिए.

By Sameer Oraon | April 9, 2020 12:16 PM

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा संस्था के वित्त पोषण पर रोक लगाने की घोषणा के बाद बुधवार को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक एकता की अपील की है. डब्ल्यूएचओ ने गुरुवार को इस बीमारी के फैलने के 100वें दिन के रूप में चिह्नित करने की तैयारी की है. यह बीमारी पहली बार चीन में फैली और फिर पूरी दुनिया को इसने अपनी चपेट में ले लिया.

गौरतलब है कि ट्रम्प ने डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडहनोम घेब्रेयेसस पर चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाया है. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी को पहले महामारी से लड़ने में बहुत धीमा कदम उठाने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है. टेड्रोस ने अमेरिका से आरोप-प्रत्यारोप के खेल में लिप्त होने के बजाय चीन के साथ मिलकर बीमारी का मुकाबला करने का आग्रह किया.

टेड्रोस ने जिनेवा में एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया, ‘‘अमेरिका और चीन को एक साथ आना चाहिए और इस खतरनाक दुश्मन से लड़ना चाहिए.” उन्होंने कहा, ‘‘सभी राजनीतिक दलों का ध्यान अपने लोगों को बचाने पर होना चाहिए. कृपया इस वायरस पर राजनीति न करें.” डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, ‘‘यदि आप और लाशें नहीं देखना चाहते हैं, तो आप इसका राजनीतिकरण न करें. यह आग से खेलने जैसा है” मरने वालों की संख्या और संक्रमितों की संख्या का हवाला देते हुए टेड्रोस ने कहा, ‘‘भगवान की खातिर… कृपया ऐसा न करें.”

गौरतलब है कि ट्रम्प ने कहा था, ‘‘हम डब्ल्यूएचओ पर खर्च की जाने वाली राशि पर रोक लगाने जा रहे हैं. हम इस पर बहुत प्रभावशाली रोक लगाने जा रहे हैं.” विश्व स्वास्थ्य संगठन का मुख्यालय जिनेवा में स्थित है और उसे अमेरिका की ओर से बड़ी धनराशि मिलती है. ट्रम्प ने आरोप लगाया, ‘‘उनको मिलने वाले वित्तपोषण का अधिकांश या सबसे बड़ा हिस्सा हम उन्हें देते हैं. जब मैंने यात्रा प्रतिबंध लगाया था तो वे उससे सहमत नहीं थे और उन्होंने उसकी आलोचना की थी. वे गलत थे.

वे कई चीजों के बारे में गलत रहे हैं. उनके पास पहले ही काफी जानकारी थी और वे काफी हद तक चीन में केंद्रित लग रहे हैं.”

आपको दें कि कोरोना वायरस से अब तक दुनियाभर में 80,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 14 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं.

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