यूक्रेन को समुद्र से काट देंगे… पीस प्लान पर चर्चा के बीच पुतिन ने क्यों दी धमकी, साथ देने वालों को भी दी चेतावनी
Vladimir Putin threatens Ukraine: यूक्रेन ने बीते दिनों रूस के तेल टैंकरों को ब्लैक सी में निशाना बनाकर उन्हें लगभग संचालन से बाहर कर दिया. इस हमले पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन काफी भड़के नजर आए. उन्होंने धमकी दी है कि इन कार्रवाइयों को रोकने का सबसे कठोर तरीका यह होगा कि यूक्रेन को समुद्र से काट दिया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि जो भी देश यूक्रेन का इस मामले में साथ देंगे, उनके जहाजों पर रूस प्रतिकारात्मक कदमों पर विचार करेगा.
Vladimir Putin threatens Ukraine: वैश्विक राजनीति में रूस यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से पेश किए गए पीस प्लान पर चर्चा हो रही है. लेकिन इसी बीच बीते शुक्रवार और शनिवार को यूक्रेन के पानी के भीतर चलने वाले ड्रोन ने दो रूसी टैंकरों को निशाना बनाया. यह हमला समुद्री ड्रोन सी बेबी के जरिए यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) और नौसेना की संयुक्त कार्रवाई के तहत किया गया. यूक्रेनी सूत्र के अनुसार, दोनों टैंकरों को गंभीर क्षति पहुँची और वे प्रभावी रूप से संचालन से बाहर हो गए. उस सूत्र ने कहा कि इससे रूसी तेल परिवहन को एक बड़ा झटका लगेगा. इस हमले के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन काफी भड़के नजर आए. उन्होंने काला सागर में रूस की शैडो फ्लीट के दो टैंकरों पर किए गए पानी के अंदर चलने वाले ड्रोन हमले के बाद धमकी दी है कि वे यूक्रेन को समुद्र से काट देंगे.
रूस की प्रमुख समाचार एजेंसी TASS के अनुसारVTB इन्वेस्टमेंट फोरम के दौरान, पुतिन ने कहा कि इन कार्रवाइयों को रोकने का सबसे कठोर तरीका यह होगा कि यूक्रेन को समुद्र से काट दिया जाए. पुतिन ने यूक्रेनी हमलों को समुद्री डकैती करार दिया और कहा कि रूस उन देशों के जहाजों के खिलाफ प्रतिकारात्मक कदम उठाएगा, जो यूक्रेन की इस कथित समुद्री डकैती का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा- काला सागर में टैंकरों पर यूक्रेनी हमले समुद्री डकैती हैं: न केवल तटस्थ जल में, बल्कि किसी अन्य देश एक तीसरे देश के विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) में होने वाले हमले- समुद्री डकैती हैं. उन्होंने आगे कहा कि रूस उन देशों के जहाजों के खिलाफ प्रतिकारात्मक कदमों पर विचार करेगा जो यूक्रेन की समुद्री डकैती का समर्थन कर रहे हैं. TASS के अनुसार पुतिन ने आगे कहा कि रूस यूक्रेनी बंदरगाहों और उन बंदरगाहों में प्रवेश करने वाले जहाजों पर अपने हमलों का विस्तार करेगा.
यूक्रेन ने फिर किया हमला, तुर्की ने बताया अस्वीकार
सोमवार को सूरजमुखी का तेल लेकर रूस से जॉर्जिया जा रहे एक टैंकर पर काला सागर में हमला किया गया. तुर्किये के समुद्री प्राधिकरण ने मंगलवार को यह जानकारी दी. तुर्किये के समुद्री मामलों के महानिदेशालय ने बताया कि मिडवोल्गा-2 पर तुर्किये के तट से लगभग 130 किलोमीटर (80 मील) दूर हमला हुआ. चालक दल के 13 सदस्यों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है और पोत से कोई आपात सहायता के लिए अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है. समुद्री प्राधिकरण ने एक बयान में कहा कि यह टैंकर तुर्किये के बंदरगाह सिनोप की ओर बढ़ रहा था. तुर्किये के राष्ट्रपति राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने सोमवार को दो रूसी जहाजों, कैरोस और विराट पर यूक्रेन के ड्रोन हमले का विरोध करते हुए कहा था कि यह संघर्ष के ‘चिंताजनक स्तर पर बढ़ने’ का संकेत है.
पहले भी नुकसान पहुंचा चुका है यूक्रेन
तुर्की प्राधिकरण ने बताया कि कुछ दिन पहले ही रूस के ‘छद्म बेड़े’ में शामिल दो तेल टैंकर पर यूक्रेन की नौसेना ने ड्रोन से निशाना बनाया था. माना जाता है कि अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद, रूस सैकड़ों टैंकरों का इस्तेमाल करता है, जिनमें से कई अलग-अलग फ्लैग ऑफ कन्वीनियंस के तहत चलते हैं, ताकि प्रतिबंधों की अवहेलना करते हुए अपने तेल को ग्राहकों तक पहुँचाया जा सके. तुर्की के परिवहन मंत्रालय ने बताया कि यूक्रेन की ओर से लक्षित जहाजों में से एक, गाम्बिया ध्वज वाले टैंकर विराट पर शनिवार को दूसरी बार हमला हुआ, जबकि इससे पहले वह शुक्रवार को भी नुकसान झेल चुका था. तुर्की के मंत्रालय ने कहा कि क्रू द्वारा जहाज छोड़ने का कोई अनुरोध नहीं किया गया है, लेकिन घटनास्थल पर एक अग्निशमन टगबोट भेजी गई है.
क्रू सदस्यों को बचाया गया
विराट कहां जा रहा था यह स्पष्ट नहीं है. शिपिंग डेटा बताता है कि यह काला सागर में कहीं आदेशों की प्रतीक्षा कर रहा था. इस टैंकर पर अमेरिका ने जनवरी में (उस समय एक अलग नाम के तहत) प्रतिबंध लगाया था और बाद में ब्रिटेन व यूरोपीय संघ ने भी इसे प्रतिबंधित किया. वहीं एक दूसरा विस्फोट शुक्रवार को काला सागर के समीप एक अन्य हिस्से में एक और प्रतिबंधित टैंकर पर हुआ. गाम्बिया ध्वज वाला काइरोस, जो रूसी कच्चा तेल ले जाता है, गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया और उसके सभी 25 क्रू सदस्यों को निकाल लिया गया. हालांकि दोनों में से कोई भी जहाज हमले के दौरान तुर्की के प्रादेशिक जल में नहीं था.
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