अगर आपको भी हैं ये बीमारियां, तो यूएस वीजा हो जाएगा कैंसल, ट्रंप प्रशासन का नया फरमान

US Visa restriction on medical conditions: डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने दुनिया भर में अमेरिकी वाणिज्य दूतावासों को निर्देश दिया है कि वे अमेरिका आने के इच्छुक उन व्यक्तियों को अयोग्य मानें, जो पहले से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं. इस आदेश में कहा गया है कि ऐसे लोग अंततः सार्वजनिक लाभों पर निर्भर हो सकते हैं.

By Anant Narayan Shukla | November 8, 2025 12:48 PM

US Visa restriction on medical conditions: डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में एंट्री पर नए-नए तरह के प्रतिबंध लगा रहे हैं. एच1 बी वीजा पर शुल्क, कठिन इमिग्रेनशन पॉलिसी के बाद अब वीजा पर नए नियंत्रण को लेकर फरमान जारी कर दिया है. ट्रंप प्रशासन ने दुनिया भर में अमेरिकी वाणिज्य दूतावासों को निर्देश दिया है कि वे अमेरिका आने के इच्छुक उन व्यक्तियों को अयोग्य मानें, जो पहले से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं. इस आदेश में कहा गया है कि ऐसे लोग अंततः सार्वजनिक लाभों पर निर्भर हो सकते हैं.

केएफएफ हेल्थ न्यूज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में रहने के लिए वीजा के लिए आवेदन करने वाले विदेशियों को “कुछ विशेष चिकित्सीय स्थितियों के कारण अस्वीकार किया जा सकता है.” रिपोर्ट में विदेश विभाग द्वारा दूतावास और वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को भेजे गए एक पत्र में जारी दिशानिर्देशों का हवाला दिया गया है. अमेरिकी दूतावास वीजा आवदेक के बारे तीन आंकलन रिपोर्ट तैयार करेगा. पहला- उसके कोई पुरानी या महंगी बीमारी तो नहीं है. दूसरा- उसके पास अपना इलाज करवाने के लिए पर्याप्त धन है या नहीं है. तीसरा- उसके आश्रित या घर में किसी को पुरानी बीमारी या विकलांगता तो नहीं, जिससे उनका रोजगार या कमाई प्रभावित हो. 

विदेश विभाग ने क्या आदेश दिया?

गुरुवार को अमेरिकी विदेश विभाग ने दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों को भेजे गए एक निर्देश में कहा कि अधिकारियों को उन आवेदकों को पब्लिक चार्ज माना जाए. पब्लिक चार्ज का अर्थ है ऐसा व्यक्ति जो सार्वजनिक लाभों पर निर्भर हो सकता है या अमेरिका के लिए आर्थिक बोझ बन सकता है. ऐसे में डायबिटीज या मोटापे (ओबेसिटी) और अन्य बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को पब्लिक चार्ज मानते हुए अयोग्य घोषित करना चाहिए, यदि उनकी उम्र या स्वास्थ्य स्थिति ऐसा संकेत देती हो.

किन बीमारियों में वीजा मिलने में होगी मुश्किल

केएफएफ द्वारा लिखे गए लेटर के अनुसार, “आपको आवेदक के स्वास्थ्य पर विचार करना चाहिए, कुछ स्वास्थ्य समस्याएं- जिनमें हृदय रोग, श्वसन रोग, कैंसर, मधुमेह, चयापचय संबंधी रोग, तंत्रिका संबंधी रोग और मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां शामिल हैं. इन पर सैकड़ों-हजारों अमेरिकी डॉलर खर्च करनी पड़ सकती है.”

पहले संक्रामक बीमारियों पर था फोकस

यह नई गाइडलाइन उन स्वास्थ्य कारकों की सूची को विस्तार देती है जिनके आधार पर वीजा आवेदन का मूल्यांकन किया जाता है, जिससे अधिकारियों को आवेदकों की चिकित्सीय स्थिति के आधार पर वीजा अस्वीकार करने का अधिक अधिकार मिल जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह पहले की नीतियों से एक बड़ा बदलाव है, क्योंकि पहले मुख्य रूप से संक्रामक बीमारियों जैसे टीबी और टीकाकरण रिकॉर्ड्स पर ध्यान केंद्रित किया जाता था.

डायबिटीज और मोटापे पर सबसे ज्यादा फोकस

निर्देश में यह भी कहा गया है कि वीजा अधिकारी मोटापे को भी एक संभावित जोखिम कारक के रूप में देखें, क्योंकि यह अस्थमा, स्लीप एपनिया और उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है. दस्तावेज में लिखा है, “इन सभी स्थितियों में महंगी और दीर्घकालिक देखभाल की आवश्यकता हो सकती है.” दुनिया की लगभग 10 प्रतिशत आबादी डायबिटीज से ग्रस्त है, जबकि हृदय रोग अब भी वैश्विक स्तर पर मृत्यु का सबसे बड़ा कारण बने हुए हैं.

निर्देश में यह भी कहा गया है कि अधिकारियों को आकलन करने की भी सलाह दी गई है. उन्हें यह तय करना होगा कि क्या आवेदक के पास इतनी वित्तीय क्षमता है कि वह बिना सार्वजनिक सहायता या सरकारी खर्च पर दीर्घकालिक संस्थागत देखभाल के, अपना पूरा चिकित्सा खर्च वहन कर सके?”

विदेश विभाग के निर्देश में इसके अलावा, नए नियमों के तहत अधिकारियों को आवेदक के परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य पर भी विचार करने की अनुमति दी गई है. दस्तावेज के अनुसार, “क्या किसी आश्रित को विकलांगता, पुरानी स्वास्थ्य समस्या या अन्य विशेष देखभाल की आवश्यकता है, जिससे आवेदक रोजगार बनाए रखने में असमर्थ हो सकता है?”

सभी तरह के वीजा पर पड़ेगा असर

यह नियम सभी तरह के वीजा पर लागू होगा. इनमें स्टूडेंट, टूरिस्ट, इमिग्रेशन और बिजनेस पर लागू होगा. ग्रीन कार्ड मिलने का समय वैसे भी 100 सालों से ऊपर चला गया है. इस स्थिति में यह और भी लंबा खिंच सकता है. हालांकि विदेश विभाग के प्रवक्ता ने इस नए निर्देश पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है.

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