पुतिन के दौरे के बाद जागा अमेरिका, टॉप डिप्लोमैट हुकर को भेजा इंडिया, किससे मिलेंगी और क्या है टूर का एजेंडा? जानें

US diplomat in India after Vladimir Putin's Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के दौरे के तुरंत बाद अमेरिका ने अपने टॉप डिप्लोमैट को भारत भेजा है. उनकी यह यात्रा भारत और अमेरिका के बीच इस समय टैरिफ की वजह से पैदा हुए तनाव के बीच हो रही है. इस दौरान वे भारत में अहम अधिकारियों और विभाग प्रमुखों से मिलेंगी.

By Anant Narayan Shukla | December 8, 2025 1:35 PM

US diplomat in India after Vladimir Putin’s Visit: भारत में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की भारत यात्रा के अभी 48 घंटे ही बीते कि अमेरिका ने अपने अंडर सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फॉर पॉलिटिकल अफेयर्स, ऐलिसन हुकर को भारत भेज दिया है. उनकी यह यात्रा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस प्राथमिकता को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से है, जिसके तहत वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच साझेदारी को मजबूत करना और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को स्वतंत्र और खुला बनाए रखना शामिल है. अमेरिकी दूतावास ने सोमवार को यह जानकारी साझा की. अमेरिका ने पुतिन की भारत यात्रा पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. ऐसे में हुकर की यह यात्रा बड़ी मायने रखती है. 

अमेरिकी दूतावास ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “यूएस मिशन को अंडर सेक्रेटरी ऐलिसन हुकर का भारत में स्वागत करते हुए खुशी हो रही है!… राष्ट्रपति ट्रंप की मजबूत अमेरिका-भारत साझेदारी और मुक्त एवं खुले इंडो-पैसिफिक की प्राथमिकताओं को आगे ले जाने में मदद करेगी.” अंडर सेक्रेटरी हुकर की यात्रा का मुख्य फोकस अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी को गहरा करना, आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना, अमेरिकी निर्यात बढ़ाना और उभरती प्रौद्योगिकियों, जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अंतरिक्ष अनुसंधान में सहयोग को बढ़ावा देना है.

नई दिल्ली में, हुकर वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों से मुलाकात करेंगी, जहां क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और इंडो-पैसिफिक में साझा प्राथमिकताओं पर चर्चा होगी. इसमें विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ होने वाली विदेश कार्यालय वार्ता (Foreign Office Consultations) भी शामिल है. इस दौरान बेंगलुरु में, वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का दौरा करेंगी और भारत के अंतरिक्ष, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के प्रमुखों से मिलेंगी, ताकि अमेरिका-भारत शोध साझेदारियों में नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके और भविष्य के सहयोग के नए अवसर तलाशे जा सकें. यह जानकारी पहले अमेरिकी दूतावास की एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई थी.

ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव भी आने वाले हैं भारत

उनकी यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब एक और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भी भारत आ रहा है. ब्लूमबर्ग न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के डिप्टी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव रिक स्वित्जर और उनकी टीम भी इसी सप्ताह भारत पहुंचने वाले हैं. इन दोनों दौरों की टाइमिंग खास है, क्योंकि यह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा के तुरंत बाद हो रहे हैं. अमेरिका ने भारतीय आयातित सामानों पर 25% टैरिफ के साथ अतिरिक्त 25% दंडात्मक शुल्क लगाया है. 

रूसी तेल खरीदने की वजह से लगा दंड

वॉशिंगटन का कहना है कि भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की बड़ी मात्रा में खरीद यूक्रेन युद्ध के दौरान मॉस्को को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देती है. अमेरिका के दबाव के बावजूद भारत रियायती दर पर रूसी कच्चा तेल खरीदता रहा है और वॉशिंगटन इसी वजह से भारतीय निर्यात पर दंडात्मक टैरिफ को उचित ठहराता है. वहीं पुतिन की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच एनर्जी सेक्टर में बड़ी डील साइन हुई है. ऐसे में अमेरिकी डिप्लोमैट की यह यात्रा काफी अहम मानी जा रही है.

आतंकवाद पर साथ आए भारत और अमेरिका

इससे पहले भारत और अमेरिका ने 3 दिसंबर को संयुक्त कार्य समूह (JWG) की 21वीं बैठक और 7वें डेजिग्नेशन डायलॉग का आयोजन किया. दोनों पक्षों ने ISIS और अल-कायदा से जुड़े संगठनों, साथ ही लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और उनकी प्रॉक्सी इकाइयों, समर्थकों, वित्तपोषकों और मददगारों को संयुक्त राष्ट्र के 1267 प्रतिबंध ढांचे के तहत सूचीबद्ध करने की मांग की, ताकि इनके सदस्यों पर वैश्विक स्तर पर संपत्ति जब्ती, यात्रा प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध लागू किए जा सकें.

6 दिसंबर को भारत और अमेरिका ने आतंकवाद को उसके हर रूप में, विशेषकर सीमापार आतंकवाद, की कड़ी निंदा की. दोनों देशों ने आतंकवाद से निपटने के लिए बहुपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई. इसमें संयुक्त राष्ट्र, क्वाड और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) में सहयोग भी शामिल है. विदेश मंत्रालय की रिलीज के अनुसार, इन बैठकों ने आतंकवाद से मुकाबला करने में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय सहयोग के महत्व को रेखांकित किया, जो व्यापक भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की भावना को दर्शाता है.

ये भी पढ़ें:-

फिर छिड़ी ट्रंप की रुकवाई हुई जंग, थाईलैंड ने कंबोडिया पर दागी मिसाइलें, एयर स्ट्राइक से मचा कोहराम

डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर भारत में रोड का ऐलान, इस राज्य सरकार का बड़ा फैसला, क्यों की ऐसी घोषणा?

यूक्रेन पीस प्लान से हट सकते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति, जूनियर ट्रंप ने दिया संकेत, जेलेंस्की को लगाई लताड़