अमेरिका के संसद भवन में हिंसा: जांच के दायरे में Twitter और YouTube, मेटा-रेडिट को भी नोटिस

गलत सूचना के प्रसार और हिंसक उग्रवाद ने हमारे लोकतंत्र पर हमले में कैसे योगदान दिया और सोशल मीडिया कंपनियों ने अपने मंच को लोगों को हिंसा के लिए उकसाने का आधार बनने से रोकने के लिए क्या कोई कदम उठाये.

By Agency | January 15, 2022 12:29 AM

वाशिंगटन: अमेरिका में पिछले साल 6 जनवरी को कैपिटल (संसद भवन) में हुई हिंसा मामले की जांच कर रही प्रतिनिधि सभा की एक समिति ने ट्विटर, मेटा, रेडिट और यूट्यूब को समन जारी किए हैं. समिति ने कुछ महीने पहले एक दर्जन से अधिक सोशल नेटवर्किंग साइट से दस्तावेजों का अनुरोध किया था, लेकिन सांसदों ने कहा कि कंपनियों के प्रारंभिक जवाब अपर्याप्त थे, जिसके बाद ये समन जारी किये गये हैं.

समिति के अध्यक्ष बेनी थॉम्पसन ने कंपनियों से वर्ष 2020 के चुनाव के बारे में गलत सूचना फैलाने में उनकी कथित भूमिका और घरेलू हिंसक चरमपंथ को बढ़ावा देने, जिससे परिणामस्वरूप छह जनवरी, 2021 को हिंसा हुई, से संबंधित रिकॉर्ड की मांग की.

थॉम्पसन, डी-मिस, ने पत्र में कहा, ‘प्रवर समिति के सामने दो प्रमुख प्रश्न हैं कि गलत सूचना के प्रसार और हिंसक उग्रवाद ने हमारे लोकतंत्र पर हमले में कैसे योगदान दिया और सोशल मीडिया कंपनियों ने अपने मंच को लोगों को हिंसा के लिए उकसाने का आधार बनने से रोकने के लिए क्या कोई कदम उठाये.’

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उन्होंने कहा कि यह ‘निराशाजनक है कि महीनों की प्रक्रिया के बाद’ कंपनियों ने स्वेच्छा से आवश्यक जानकारी और दस्तावेज नहीं दिये, जो सांसदों को उनकी जांच के दौरान आये सवालों का जवाब देने में मदद करते. अपने पत्र में थॉम्पसन ने उन तरीकों का जिक्र किया है कि किस प्रकार से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थकों और धुर-दक्षिणपंथी समूहों की घातक हिंसा में इन कंपनियों की मिलीभगत रही है.

पत्र में कहा गया है कि अल्फाबेट के स्वामित्व वाला यूट्यूब वह मंच था, जहां संसद की घेराबंदी और इसे मूर्त रूप देने की ‘साजिश’ का प्रसार हुआ. समिति ने कहा कि कैसे मेटा, जिसे पहले फेसबुक के नाम से जाना जाता था, का इस्तेमाल कथित तौर पर लोगों के बीच घृणा, हिंसक और उकसाने वाले संदेशों के आदान-प्रदान के साथ-साथ गलत सूचना फैलाने के लिए किया गया था.

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पत्र में बताया गया है कि ट्विटर को संभावित हिंसा के बारे में चेतावनी दी गयी थी कि उसके मंच पर संभावित हिंसा की साजिश रची जा रही है और कैसे इसके उपभोक्ता ‘चुनाव में धोखाधड़ी के पूर्व राष्ट्रपति के आरोपों’ को बढ़ावा देने वाले संदेशों के प्रसार में लगे हुए थे.

Posted By: Mithilesh Jha

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