पाकिस्तान में वेतन बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर शिक्षकों ने किया प्रदर्शन, इमरान सरकार को दी यह चेतावनी

एक बार फिर पूरी दुनिया की निगाहें पाकिस्तान पर टिक गई हैं. लेकिन इस बार मामला शिक्षकों से जुड़ा है. दरअसल पाकिस्तान में वेतन वृद्धि की मांग को लेकर शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं. पाक अधिकृत कश्मुमीर के मुजफ्फराबाद शहर में सैकड़ों शिक्षक वेतन में बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर आंदोलन पर उतारू हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2021 1:01 PM
  • क्या फिर कंगाल हो गया है पाकिस्तान

  • दिवालिया हो गया है ड्रैगन का दोस्त

  • शिक्षकों को देने के लिए इमरान सरकार के पास नहीं हैं पैसे

एक बार फिर पूरी दुनिया की निगाहें पाकिस्तान पर टिक गई हैं. लेकिन इस बार मामला शिक्षकों से जुड़ा है. दरअसल पाकिस्तान में वेतन वृद्धि की मांग को लेकर शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं. पाक अधिकृत कश्मुमीर के मुजफ्फराबाद शहर में सैकड़ों शिक्षक वेतन में बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर आंदोलन पर उतारू हैं. लेकिन इमरान सरकार है कि कान में तेल डाले बैठी है. वहीं, शिक्षकों के आंदोलन के दबाने के लिए पाकिस्तानी पुलिस आंदोलनकारियों पर जमकर लाठियां बरसा रही है.

.गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बाद पाकिस्तान में महंगाई बढ़ गई है, आमदनी के साधनों में कमी आयी है. आर्थिक रुप से पिछड़े इस देश में हर ओर आंदोलन मुंह उठा रहा है. लेकिन जब अपने लोगों की सरकार ने सुध नहीं ली तो शिक्षकों ने अपने वेतन बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर खुद हल्ला बोल कर दिया. ऐसे में शिक्षकों का यह आंदोलन पाकिस्तान की इमरान सरकार के लिए मुसीबत भी बन सकता है. क्योंकि प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाएगी तो वे चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

गौरतलब है कि इमरान खान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे कुछ ही दिन पहले इमरान खान सरकार को मौलानाओं की खुली चुनौती मिल चुकी है. दरअसल पाकिस्तान सरकार के मस्जिदों और कब्रगाहों पर कब्जा करने की योजना के खिलाफ पूरे देश के मौलाना एकजुट हैं. उन्होंने आंदोलन के लिए एक कमेटी भी बनाई है. जिसमें पूरे पाकिस्तान के मौलाना और धार्मिक विद्वान शामिल हैं.

वहीं, शिक्षकों से पहले वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर इस्लामाबाद में सरकारी कर्मचारी भी सड़कों पर उतरकर जमकर बवाल काटा है. और इमरान विरोधी नारे लगाये हैं. यहां तक की प्रदर्शनकारियों ने इस्लामाबाद के सचिवालय, कैबिनेट ब्लॉक समेत कई इलाकों में जमकर प्रदर्शन किया. हालांकि, विरोध को दबाने के लिए पुलिस औऱ प्रशासन ने आंसू गैस के गोले दागते दागे और लाठियां भी भांजी. लेकिन उलेमाओं का आंदोलन बढ़ता ही जा रहा है.

हर तरफ से घिर रही इमरान सरकार इस आंदोलन को लेकर सकते में हैं. शिक्षक वेतन बढ़ाने की मांग पर अड़े हैं, और पहले से ही खाली खजाना और भी खाली हो गया है. चीनी मदद भी पाकिस्तान के लिए उंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है. ऐसे में विपक्ष का एकजुट विरोध, उलेमा और विरोधियों से घिरे इमरान के लिए आगे हर दिन एक नई मुसीबत खड़ी हो रही है. आर्थिक रूप से दिवालिया होते पाकिस्तान की इमरान सरकार के पास इनसे निबटने के लिए कोई तरीका नहीं है. सरकार बस बल पूर्वक लाठी डंडों के जरिये किसी तरह आंदोलन दबा रही है.

Posted by: Pritish Sahay

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