एक भाषण ने बना दिया था शेख मुजीबुर रहमान को बांग्लादेश का नायक

बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान की आज जन्मसदी मनायी जा रही है. आजादी से पहले बांग्लादेश के रेसकोर्स मैदान में दिया गया उनका भाषण आज भी बांग्लादेशियों की जेहन में है. आइये जन्मसदी पर जानतें हैं उनकी पूरी कहानी

By AvinishKumar Mishra | March 17, 2020 2:23 PM

नयी दिल्ली : बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान की आज जन्मसदी मनायी जा रही है. शेख की पहचान एक नेता के अलावा एक अच्छे वक्ता की भी थी. आजादी से पहले बांग्लादेश के रेसकोर्स मैदान में दिया गया उनका भाषण आज भी बांग्लादेशियों की जेहन में है. आइये जन्मसदी पर जानतें हैं उनकी पूरी कहानी

पाकिस्तान के वर्चस्व को नकार दिया– शेख ने बांग्लादेश में पाकिस्तान शासकों के खिलाफ गोरिल्ला युद्ध छेड़ दिया. उन्होंने बांग्लादेश के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें पाकिस्तान के सत्ता का बहिस्कार करना चाहिये. बांग्लादेश पर सिर्फ बंगाली ही शासन कर सकते हैं.

9 महीनों तक पाकिस्तानी जेल में बंद रहे- पाकिस्तानी सेना ने शेख को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया. उन्हें रावलपिंडी के मियावाली जेल में एक कालकोठरी में रखा गया जहाँ उन्हें रेडियो टेलिविजन तो दूर, अख़बार तक उपलब्ध नहीं कराया गया.

शेख करीब नौ महीने तक उस जेल में रहे. छह दिसंबर से भारत-पाकिस्तान युद्ध खत्म होने तक यानि 16 दिसंबर के बीच एक सैनिक ट्राइब्यूनल ने उन्हें मौत की सजा सुना दी. हालांकि बाद मे पाकिस्तान के राष्ट्रपति भुट्टों ने उन्हें रिहा करने का आदेश दे दिया.

रिहा होने के बाद शेख पहले भारत आये और फिर ढाका गये. ढाका में उन्होंने बांगला और बांग्लादेशियों पर लंबा भाषण दिया.

बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति बनें- शेख मुजीब आजाद बंग्लादेश के पहले राष्ट्रपति बने. वे इस पद पर तकरीबन 3 साल तक रहे. साल 1975 की एक सुबह बंग्लादेश के ही सेना के कुच लोगोमृं ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी.

हत्यारे को फांसी– शेख मुजीबुर के हत्यारे को 35 साल बाद बंग्लाधेश में फांसी दी गयी. 1997 में शेख हसीना सत्ता में आयी तो फारूक रहमान और उनके पांच साथियों को शेख मुजीब की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया. कई साल मुकदमा चलने के बाद पांचो दोषियों को 27 जनवरी 2010 को फाँसी दे दी गयी. दोषियों ने दलील दिया थआ कि मुजीब बांग्लादेश में परिवारवाद को बढ़ावा दे रहे थे, इसलिए उन्हें मार दिया.

बांग्लादेश के राष्ट्रपिता घोषित– शेख मुजीब को 2010 में बांग्लादेश की अदालत ने देश का राष्ट्रपिता घोषित किया. अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि शेख मुजीब इस पद के असली हकदार हैं.

Next Article

Exit mobile version