Operation Sindoor : UN में भारत ने पाकिस्तान को धोया, कहा– हमले के बाद गिड़गिड़ाने लगा था पाक

Operation Sindoor : संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र की आम चर्चा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भाषण के बाद भारत की प्रतिक्रिया आई. भारत ने कहा कि पाकिस्तान की सेना ने ही ऑपरेशन सिंदूर के दौरान संघर्ष रोकने की अपील की थी.

By Amitabh Kumar | September 27, 2025 9:26 AM

Operation Sindoor : भारत ने कहा है कि पाकिस्तान की सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लड़ाई रोकने की अपील की थी. साथ ही भारत ने यह भी कहा कि नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच किसी भी मुद्दे में तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की कोई जगह नहीं है. संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र की आम चर्चा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भाषण के बाद भारत की ओर से करारा जवाब दिया गया. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने पाकिस्तान को घेरा.

दरअसल शरीफ ने अपने भाषण में कहा था कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों परमाणु-संपन्न देशों के बीच संघर्ष टालने में अहम भूमिका निभाई थी. पेटल गहलोत ने भारत के जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए यूएनजीए में कहा, ‘‘इस सभा में सुबह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का बेतुका बयान सुनने को मिला. शरीफ ने एक बार फिर आतंकवाद का गुणगान किया, जो उनकी विदेश नीति के केन्द्र में है.’’

भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों पर पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार

शरीफ ने अपने भाषण में कहा कि उनका देश भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों पर समग्र, व्यापक और परिणामोन्मुखी बातचीत करने के लिए तैयार है. उन्होंने कश्मीर की स्थिति पर भारत की आलोचना भी की. इसके अलावा, उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप की सराहना की और कहा कि उनके शांति प्रयासों ने दक्षिण एशिया में युद्ध टालने में मदद की. शरीफ ने बताया कि पाकिस्तान ने राष्ट्रपति ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है. उनका मानना है कि यह एक छोटा सा योगदान है और ट्रंप सचमुच शांति के प्रतीक हैं.

भारत ने छह मई की देर रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने छह मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया. भारत लगातार कहता रहा है कि संघर्ष रोकने का निर्णय दोनों देशों की सेनाओं के महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत के बाद ही लिया गया था. यह कार्रवाई आतंकवाद को रोकने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के मकसद से की गई थी.