नेपाल की जेल से भागे 540 भारतीय कैदी लापता, Gen-Z प्रदर्शनों के बाद हुए थे फरार, हाई अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां

Nepal Indian Prisoners: नेपाल में पिछले महीने हुए जेन जी प्रदर्शन के दौरान कई कैदी फरार हो गए थे. इनमें 540 भारतीय भी शामिल थे, जो प्रदर्शन समाप्त होने के बाद अब भी लापता हैं. इसको लेकर नेपाल प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है.

By Anant Narayan Shukla | October 13, 2025 7:02 AM

Nepal Indian Prisoners: नेपाल में विभिन्न जेलों में सजा काट रहे करीब 540 भारतीय कैदी अब तक फरार हैं, जिनका कोई पता नहीं चल पाया है. जेल प्रबंधन विभाग ने रविवार को यह जानकारी दी. विभाग के अनुसार, नौ सितंबर को सरकार विरोधी ‘जेन जी’ प्रदर्शनों के दूसरे दिन नेपाल की विभिन्न जेलों में भारी अशांति फैल गई थी. इसी दौरान 13,000 से अधिक कैदियों ने जेल से भागने में सफलता हासिल की थी. नेपाल सरकार ने इस घटना की उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं.

जेल प्रशासन द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भागे हुए कैदियों में लगभग 5,000 नेपाली नागरिक शामिल हैं जो अब तक फरार हैं. इनके अलावा 540 भारतीय नागरिक और अन्य देशों के 108 कैदी भी जेलों से भाग गए थे और फिलहाल लापता हैं. नेपाल की सरकार ने इन फरार कैदियों को पकड़ने के लिए पूरे देश में हाई अलर्ट जारी किया है. गृह मंत्रालय ने सभी कैदियों से स्वेच्छा से अपनी जेलों में लौटने या रिपोर्ट करने का नोटिस जारी किया है, अन्यथा उन पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.

अब तक कितने कैदी वापस लौटे

जेल प्रशासन ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियां लगातार छापेमारी कर रही हैं और सीमा इलाकों में भी निगरानी बढ़ा दी गई है, ताकि फरार कैदी नेपाल से बाहर न जा सकें. वहीं, भारत-नेपाल सीमा पर भी सुरक्षा बलों की चौकसी बढ़ा दी गई है. अधिकारियों के मुताबिक, अब तक 7,735 कैदी या तो वापस लौट आए हैं या फिर उन्हें हिरासत में लेकर जेलों में वापस भेजा गया है. हालांकि, इस दौरान हुई झड़पों में कम से कम दस कैदियों की मौत भी हुई है.

जेन जी प्रदर्शनों ने बदल दी सरकार

बताया जा रहा है कि आठ और नौ सितंबर को ‘जेन जी’ समूह के बैनर तले हजारों युवाओं ने काठमांडू और अन्य शहरों में सरकार विरोधी प्रदर्शन किए थे. इन प्रदर्शनों में कम से कम 76 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों घायल हुए थे. प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का आरोप लगाया था. इन्हीं प्रदर्शनों के दौरान जेलों में अराजकता फैल गई और कैदियों ने मौके का फायदा उठाते हुए भाग निकलने की कोशिश की.

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