इथियोपिया में फैला चमगादड़ से फैलने वाला मारबर्ग वायरस रोग, WHO ने प्रकोप को रोकने के लिए तुरंत भेजी टीम

Marburg Virus Disease outbreak in Ethiopia: इथियोपिया ने अपने देश में मारबर्ग वायरस रोग का प्रकोप के पुष्टि की है. नौ मामलों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने तत्काल कदम उठाए हैं. वहीं WHO भी इस मामले में आवश्यक कदम उठा रहा है.

By Anant Narayan Shukla | November 15, 2025 2:19 PM

इथियोपिया ने अपने पहले मारबर्ग वायरस रोग (Marburg Virus Disease- MVD) के प्रकोप की पुष्टि की है, जहां नौ मामलों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने तत्काल कदम उठाए हैं. यह स्थिति पड़ोसी देशों तक संक्रमण फैलने की चिंताओं को भी बढ़ा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि ओमो क्षेत्र में नौ मामलों की पुष्टि हुई है. यह इलाका दक्षिण सूडान की सीमा के पास स्थित है. इसकी पुष्टि तब हुई जब क्षेत्र के स्वास्थ्यकर्मियों ने वायरल हेमरेजिक फीवर (रक्तस्रावी बुखार) जैसे लक्षणों वाले मरीजों की जानकारी दी.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधानोम घेब्रेयसस ने शुक्रवार को कहा कि इथियोपिया के स्वास्थ्य अधिकारी तेजी और पारदर्शिता के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि इस तेज कार्रवाई से पता चलता है कि देश शुरुआती चरण में ही प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए गंभीर है.

उन्होंने कहा, “मैं इथियोपिया के स्वास्थ्य मंत्रालय, पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट और क्षेत्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों की तेज और पारदर्शी प्रतिक्रिया की सराहना करता हूँ. यह तेज कार्रवाई दिखाती है कि देश इस प्रकोप को जल्दी नियंत्रित करने के लिए प्रतिबद्ध है. WHO देश, क्षेत्रीय और मुख्यालय स्तर पर इथियोपिया की मदद कर रहा है ताकि संक्रमण रोका जा सके, मरीजों का इलाज हो सके और सीमा-पार फैलाव की संभावनाओं पर नियंत्रण रखा जा सके.”

न रोकने पर होगा गंभीर खतरा

WHO पहले ही संदिग्ध मामलों की जांच कर रहा था. अब उसकी टीमें इथियोपिया के अधिकारियों के साथ मिलकर संपर्क खोजने, मरीजों का इलाज करने और बीमारी को अन्य क्षेत्रों में फैलने से रोकने का काम कर रही हैं. अफ्रीका CDC के महानिदेशक डॉ. जॉन एनकेंगासॉन्ग ने कहा कि यह प्रकोप विशेष रूप से चिंताजनक इसलिए है, क्योंकि दक्षिण सूडान सीमा के ठीक पार स्थित है और उसका स्वास्थ्य तंत्र बेहद कमजोर है. अल जजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, हाल के हफ्तों में कोई अन्य अफ्रीकी देश मारबर्ग संक्रमण की रिपोर्ट नहीं कर पाया है, जिससे इथियोपिया के नियंत्रण प्रयासों पर विश्व का ध्यान केंद्रित हो गया है.

कैसा है यह मारबर्ग वायरस रोग?

मारबर्ग वायरस इबोला परिवार का सदस्य है और बेहद गंभीर माना जाता है. मारबर्ग वायरस रोग (MVD) दुर्लभ और गंभीर बीमारी है, जिससे अक्सर घातक हेमरेजिक फीवर होता है. इसके लक्षणों में तेज बुखार, भयंकर सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और त्वचा पर चकत्ते शामिल हैं, जो आगे चलकर रक्तस्राव और अंग विफलता का कारण बन सकते हैं.

क्या हैं मारबर्ग वायरस रोग से बचाव के उपाय?

मारबर्ग के लिए अभी तक कोई स्वीकृत वैक्सीन या एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है और न ही कोई विशिष्ट उपचार. हालांकि, शुरुआती और गहन सहायक चिकित्सा, जैसे कि रिहाइड्रेशन और विशिष्ट लक्षणों का उपचार, मरीजों की जीवित रहने की संभावना बढ़ा सकते हैं. इसमें मरीजों को आराम, तरल पदार्थ और सहायक चिकित्सा देकर ही लक्षणों का प्रबंधन किया जाता है.

यह वायरस मिस्र के फ्रूट चमगादड़ों से पैदा हुआ माना जाता है. यह संक्रमित व्यक्तियों के शारीरिक द्रव या बिस्तर व कपड़ों जैसे दूषित वस्तुओं के संपर्क से फैलता है. ऐसे में रोकथाम के लिए मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्तियों और वायरस के प्राकृतिक स्रोत यानी फ्रूट चमगादड़ों के संपर्क से बचने पर निर्भर होना पड़ता है. अस्पतालों और देखभाल केंद्रों में कड़े संक्रमण-नियंत्रण उपाय अत्यंत आवश्यक हैं.

इथियोपिया और WHO कार्यवाही में जुटे

इथियोपिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि संक्रमित मरीजों को अलग-थलग रखकर इलाज दिया जा रहा है. स्थानीय टीमें संभावित संपर्कों का पता लगा रही हैं और समुदाय-स्तर पर स्क्रीनिंग कर रही हैं. अधिकारियों ने लोगों से शांत रहने, स्वास्थ्य सलाह का पालन करने और लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज लेने की अपील की है. वहीं WHO महानिदेशक टेड्रोस ने कहा कि WHO तकनीकी और चिकित्सकीय सहायता दे रहा है और यह सुनिश्चित करने में मदद कर रहा है कि यह प्रकोप सीमा-पार न फैले. 

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