जापान में ज्वालामुखी का जलजला, 4.4 किलो मीटर तक उठा लावा का धुआं, देखें विस्फोट का खतरनाक वीडियो

Japan Sakurajima Volcano eruption: जापान दुनिया के सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी वाले क्षेत्र में आता है. रविवार को देश के एक एक्टिव ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ, जिसमें धुआं लगभग 4 किलोमीटर से ज्यादा ऊंचाई तक उठा. प्रशासन ने इसके लिए पूरी सतर्कता बरतते हुए लोगों को बचाव उपाय अपनाने की सलाह दी है.

By Anant Narayan Shukla | November 17, 2025 10:07 AM

Japan Sakurajima Volcano eruption: जापान में रविवार को तड़के एक ज्वालामुखी का ज्वार देखने को मिला. दक्षिण-पश्चिम जापान के कागोशिमा प्रीफेक्चर में स्थित सकुराजिमा ज्वालामुखी में जोरदरा विस्फोट हुआ. इसकी वजह से राख और धुएँ का गुबार लगभग 4,400 मीटर ऊँचाई तक उठ गया. क्योदो न्यूज़ ने मौसम एजेंसी के हवाले से यह जानकारी दी. प्रारंभिक विस्फोट के बाद भी ज्वालामुखी सक्रिय रहा, जिसके चलते एजेंसी ने कागोशिमा, कुमामोटो और मियाजाकी प्रीफेक्चरों के लिए राख गिरने की चेतावनी जारी की. राहत की बात है कि अब तक किसी भी व्यक्ति के घायल होने या इमारतों को नुकसान पहुँचने की खबर नहीं है.

स्थानीय मौसम ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, रविवार रात 12:57 बजे (स्थानीय समय) मिनामिडाके क्रेटर में विस्फोट हुआ. यह विस्फोट पिछले साल 18 अक्टूबर के बाद पहली बार 4,000 मीटर से अधिक ऊँचा गुबार लेकर उठा. हालिया विस्फोटों की सीरीज में बड़े ज्वालामुखी पत्थर पाँचवें स्टेशन तक गिरते देखे गए, लेकिन कोई पायरोक्लास्टिक प्रवाह दर्ज नहीं हुआ. इस विस्फोट के बाद चेतावनी स्तर पांच में से तीन पर बना हुआ है, इसकी वजह से पर्वत क्षेत्र में प्रवेश सीमित रहता है. इस विस्फोट के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. देखें- 

जापान में होते रहते हैं वोल्कैनो विस्फोट

जापान में लगभग 110 एक्टिव वोलकैनो हैं. वहीं सकुराजिमा जापान के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है. यह कभी एक द्वीप था, लेकिन 1914 के लावा प्रवाह ने इसे क्यूशू द्वीप के ओसुमी प्रायद्वीप से जोड़ दिया. 2019 में इससे 5 किमी से ऊंचा लावा विस्फोट हुआ था. जापान रिंग ऑफ फायर क्षेत्र में आता है, इस वजह से यहां पर काफी ज्वालामुखी विस्फोट होते रहते हैं. 

प्रशासन ने बरती सतर्कता

इस बार हुआ विस्फोट काफी ज्यादा धुआं और लावा लेकर निकला. इस वजह से प्रशासन ने लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है. मास्क पहनने की सलाह दी गई है. कोगोशिमा शहर और उसके आसपास के इलाके में राख की मोटी परत फैल गई है, जिससे दृश्यता कम हो गई है. एहतियातन एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है, जिससे कम से कम 30 फ्लाइट्स कैंसिल कर दी गई हैं. सकुराजिमा में छोटे-मोटे विस्फोट होते रहते हैं, लेकिन इस बार दबाव की अधिकता थी, जिसकी वजह से राख और धुआं काफी ऊंचाई तक गया. वैज्ञानिक सैटेलाइट और रडार से इस पर नजर बनाए हुए हैं.  

ज्वालामुखी विस्फोट के लिए तैयार रहता है जापान

इससे पहले 30 अगस्त को जापानी सरकार ने माउंट फूजी के बड़े विस्फोट के संभावित प्रभावों, विशेषकर राख गिरने को दर्शाने वाला सिम्युलेटेड वीडियो जारी किया था, ताकि लोगों को ऐसी आपदा के लिए बेहतर तरीके से तैयार किया जा सके.  10 मिनट के इस वीडियो में कंप्यूटर ग्राफिक्स की मदद से 1707 में हुए आखिरी बड़े विस्फोट के समान पैमाने की स्थिति दिखाई गई है. वीडियो में चेतावनी दी गई है कि बिजली आपूर्ति, सीवेज सिस्टम, सड़कें, और रेलमार्ग जैसी आधारभूत सुविधाएँ गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती हैं.

जापान के 3,776 मीटर सबसे ऊँचे माउंट फ़ूजी पर संभावित आपदा दिखाता यह वीडियो कैबिनेट ऑफिस की वेबसाइट पर उपलब्ध है. यह वीडियो 26 अगस्त को ज्वालामुखी आपदा तैयारी जागरूकता दिवस के मौके पर जारी किया गया. वीडियो में टोक्यो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एमेरिटस तोशित्सुगु फ़ुजिई कहते हैं, “यह थोड़ा असामान्य है कि माउंट फूजी पिछले 300 सालों से नहीं फटा है.” उनके अनुसार, औसतन फूजी हर 30 साल में एक बार फटता है.

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