‘ओम शांति, शांति ओम’ के साथ इस मुस्लिम देश के राष्ट्रपति ने UN में दिया जबरदस्त संदेश! गाजा–इजराइल पर कही बड़ी बात

UN Peace Message Gaza Israel Ultimatum: यूएन जनरल असेंबली में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्राबोवो सुबियान्तो ने बहुसांस्कृतिक शांति का संदेश दिया, 20,000 शांति सैनिकों को भेजने की तैयारी और गाजा-इजराइल संघर्ष पर कड़ा रुख अपनाया.

By Govind Jee | September 24, 2025 2:48 PM

UN Peace Message Gaza Israel Ultimatum: 80वें संयुक्त राष्ट्र महासभा में जब इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियान्तो मंच पर आए, तो उनका भाषण सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं रहा. उन्होंने एक ऐसा संदेश दिया, जो हर संस्कृति और धर्म के लोगों के लिए समझने लायक था. भाषण का अंत उन्होंने संस्कृत मंत्र “ओम शांति, शांति ओम” से किया – एक ऐसा वैश्विक आह्वान, जो शांति की अपील करता है.

प्रबोवो ने अपने भाषण में दुनिया भर के नेताओं और नागरिकों को शांति और एकता के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने जोर दिया कि इंडोनेशिया इस सपने को हकीकत बनाने में पूरी तरह से भागीदारी करेगा. उनका कहना था, “यह एक खूबसूरत सपना है जिस पर हमें साथ मिलकर काम करना होगा. हमें अपने पूर्वजों द्वारा शुरू किए गए शांति के सफर को पूरा करना चाहिए.”

UN Peace Message Gaza Israel Ultimatum: हर शब्द में संदेश

प्रबोवो ने भाषण का समापन कुछ इस तरह किया, “वस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुह, शालोम, ओम शांति शांति शांति ओम, नमो बुद्धाय. बहुत-बहुत धन्यवाद. भगवान हम सब पर अपनी कृपा करें, हमारे ऊपर शांति बनी रहे.” हर अभिवादन का अर्थ और महत्व अलग है जैसे कि वस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुह एक इस्लामिक अभिवादन, जिसका अर्थ है “आप पर शांति और आशीर्वाद हो.”

शालोम एक हिब्रू शब्द, शांति के लिए. ओम शांति शांति शांति ओम हिंदू मंत्र है और इसका अर्थ शांति की प्रार्थना और नमो बुद्धाय का मतलब बौद्ध अभिवादन, बुद्ध को नमन. यह बहुसांस्कृतिक अभिवादन इंडोनेशिया के संदेश का प्रतीक, जहां शांति, समानता और समावेश दिखाता है.

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Indonesia President Prabowo Subianto: गाजा-इजराइल संघर्ष पर इंडोनेशिया की सख्त स्थिति

प्रबोवो ने UN में गाजा-इजराइल संघर्ष पर भी स्पष्ट स्टैंड लिया. उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया 20,000 या उससे अधिक शांति रक्षक भेजने के लिए तैयार है, ताकि गाजा या फिलिस्तीन के अन्य हिस्सों में शांति बनाए रखी जा सके. उन्होंने जोर दिया कि हम इजराइल को तब तक मान्यता नहीं देंगे जब तक कि इजराइल फिलिस्तीन को एक राज्य के रूप में स्वीकार नहीं करता.

हम शांति के लिए सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि जमीन पर मौजूद रहकर काम करेंगे. इंडोनेशिया, जो दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम बहुल देश है, इजराइल के साथ कोई कूटनीतिक संबंध नहीं रखता. बावजूद इसके, यह देश UN शांति सेनाओं में सबसे बड़ा योगदानकर्ता है.

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शांति सिर्फ सपना नहीं, जिम्मेदारी है

प्रबोवो सुबियान्तो का पूरा भाषण एक स्पष्ट संदेश छोड़ गया जिसमें बताया कि शांति सिर्फ एक सपना नहीं, यह साझा जिम्मेदारी है. उन्होंने इसे विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों को जोड़ते हुए बताया, और पूरी दुनिया को याद दिलाया कि शांति की राह पर कदम बढ़ाना सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि सक्रिय भागीदारी और प्रतिबद्धता से संभव है.