पारंपरिक औषधि का वैश्विक केंद्र भारत में स्थापित, WHO प्रमुख ने कही ये बड़ी बात

डब्ल्यूएचओ और भारत सरकार ने पारंपरिक औषधि के लिए डब्ल्यूएचओ का वैश्विक केंद्र स्थापित करने के लिये समझौता किया है. पारंपरिक औषधि के लिए वैश्विक ज्ञान केंद्र स्थापित करने के लिए भारत सरकार ने 25 करोड़ डॉलर के निवेश के जरिये सहायता की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2022 11:09 PM

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और भारत सरकार ने मिलकर गुजरात के जामनगर में पारंपरिक औषधि का वैश्विक केंद्र स्थापित किया है ताकि प्रैक्टिस और उत्पादों के प्रभाव के संबंध में भरोसेमंद साक्ष्य और आंकड़े जुटाए जा सकें. लगभग 90 प्रतिशत सदस्य देशों के पांरपरिक औषधि के इस्तेमाल को मान्यता डब्ल्यूएचओ ने दिया है. यह बात विश्व स्वास्थ्य सभा के 75वें उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अधनोम घेब्रेयसस (Dr Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कही.

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भारत के लिए अहम है पारंपरिक औषधि

बता दें कि डब्ल्यूएचओ और भारत सरकार ने पारंपरिक औषधि के लिए डब्ल्यूएचओ का वैश्विक केंद्र स्थापित करने के लिये समझौता किया है. पारंपरिक औषधि के लिए वैश्विक ज्ञान केंद्र स्थापित करने के लिए भारत सरकार ने 25 करोड़ डॉलर के निवेश के जरिये सहायता की है. इसका उद्देश्य आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के जरिये दुनिया भर से पारंपरिक औषधि की क्षमता का दोहन करना है.

पारंपरिक औषधि का 170 देश देशों में इस्तेमाल

एक अनुमान के मुताबिक दुनिया की 80 प्रतिशत आबादी पारंपरिक औषधि का इस्तेमाल करती है. डब्ल्यूएचओ ने बताया कि उसे 194 सदस्य देशों में से 170 ने बताया कि वे पारंपरिक औषधि का इस्तेमाल करते हैं. विश्व निकाय ने बताया कि इन देशों की सरकारों ने प्रैक्टिस और उत्पादों के प्रभाव के संबंध में भरोसेमंद साक्ष्य और आंकड़े जुटाने के लिये डब्ल्यूएचओ से सहायता मांगी थी. पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डब्ल्यूएचओ प्रमुख और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के साथ जामनगर में वैश्विक केंद्र की आधारशिला रखी थी.

क्या है पारंपरिक औषधि

परांपरिक औषधि ऐतिहासिक रूप से भारतीय परंपरा का हिस्सा रही है, जैसे होम्योपैथी भरतीय परंपरा का एक हिस्सा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार पारंपरिक औषधि ज्ञान, कौशल और प्रथाओं का कुल योग है जो स्वदेशी और विभिन्न संस्कृतियों ने समय के साथ स्वास्थ्य को बनाए रखने और शारीरिक एवं मानसिक बीमारी को रोकने के लिए उपयोग किया है.

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