भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को लगा फिर करारा झटका, ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने दिवालिया याचिका को किया खारिज

कंसोर्टियम में एसबीआई के अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा, कॉरपोरेशन बैंक, फेडरल बैंक लिमिटेड, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंसट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. एसबीआई के नेतृत्व में भारतीय बैंकों के एक कंसोर्टियम ने 24 अप्रैल 2021 को लंदन हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान शराब कारोबारी विजय माल्या को दिवालिया घोषित किए जाने को लेकर पुरजोर तरीके से पैरवी की थी.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 18, 2021 9:06 PM

लंदन : भारत के भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को करारा झटका लगा है. ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने माल्या की ओर से दायर दिवालिया याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही, अब अदालत की ओर से दिवालिया याचिका खारिज किए जाने के बाद एसबीआई को अपने बकाया रकम वसूलने का रास्ता खुल गया है. विजय माल्या ने आर्थिक तंगी की मार झेल रहे अपने किंगफिशर एयरलाइंस के परिचालन को जारी रखने के लिए भारत के सबसे बड़े कर्जदाता बैंक एसबीआई के नेतृत्व में करीब 17 बैंकों के कंसोर्टियम से हजारों करोड़ रुपये का कर्ज ले रखा है.

इस कंसोर्टियम में एसबीआई के अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा, कॉरपोरेशन बैंक, फेडरल बैंक लिमिटेड, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंसट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. एसबीआई के नेतृत्व में भारतीय बैंकों के एक कंसोर्टियम ने 24 अप्रैल 2021 को लंदन हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान शराब कारोबारी विजय माल्या को दिवालिया घोषित किए जाने को लेकर पुरजोर तरीके से पैरवी की थी.

मुख्य दिवालिया एवं कंपनी अदालत (आईसीसी) में न्यायाधीश माइकल ब्रिग्स के समक्ष 24 अप्रैल को वर्चुअल सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने पिछले साल दायर दिवालिया याचिका में संशोधन के बाद मामले में अपनी अंतिम दलीलें पेश की थी. सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ब्रिग्स ने कहा था कि वह अब विवरणों पर विचार करेंगे और आने वाले हफ्तों में उचित समय पर फैसला देंगे.

गौरतलब है कि 10 दिसंबर 2018 को लंदन की एक अदालत ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी थी. उस समय माल्या को भारत लाने के लिए सीबीआई के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम को लंदन रवाना भी किया गया था. भारत सरकार काफी समय से माल्या के प्रत्यर्पण की कोशिश में लगी हुई है.

विजय माल्या दो मार्च 2016 को भारत से भागकर लंदन चले गए थे. ठप खड़ी किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमुख रहे 62 वर्षीय माल्या पर करीब 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. वर्ष 2017 के अप्रैल में प्रत्यर्पण वॉरंट पर गिरफ्तारी के बाद से माल्या जमानत पर है.

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Posted by : Vishwat Sen

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