दो दिवसीय रूस यात्रा पर मास्को पहुंचे विदेश मंत्री जयशंकर, यूक्रेन संकट और इन मुद्दों पर करेंगे चर्चा

रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वार्ता के दौरान जयशंकर और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव व्यापार और निवेश, व्यापार के लिए राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग, ऊर्जा क्षेत्र में आशाजनक परियोजनाओं और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एक सुरक्षा तंत्र स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे.

By Piyush Pandey | November 8, 2022 9:42 AM

विदेश मंत्री एस जयशंकर दो दिवसीय दौरे पर मास्को पहुंच चुके हैं. इस दौरान जयशंकर और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव व्यापार और निवेश को लेकर चर्चा करेंगे. बताते चले कि रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस की दो दिवसीय यात्रा शुरू की है.

विदेश मंत्रालय ने दी अहम जानकारी 

रूस विदेश मंत्रालय ने एस जयशंकर की यात्रा के संबंध में सोमवार को एक बयान जारी करते हुए बताया कि दोनों देश अधिक न्यायपूर्ण और बहुकेंद्रीय विश्व व्यवस्था कायम करने का समर्थन करते हैं और सबसे अधिक दबाव वाले मुद्दों पर दोनों के रुख में निकटता दिखाई दी है. रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वार्ता के दौरान जयशंकर और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव व्यापार और निवेश, व्यापार के लिए राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग, ऊर्जा क्षेत्र में आशाजनक परियोजनाओं और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एक सुरक्षा तंत्र स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे.

कई मुद्दों पर भारत और रूस साथ

बयान में कहा गया है, रूस और भारत एक अधिक न्यायपूर्ण और बहुकेंद्रित विश्व व्यवस्था कायम करने का समर्थन करते हैं, और वैश्विक स्तर पर साम्राज्यवाद को बढ़ावा देने वालों से आगे बढ़ चुके हैं. मंत्रालय ने कहा, सबसे अधिक दबाव वाले मुद्दों पर दोनों देशों के रुख में निकटता दिखाई दी है. और दोनों ही संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित अंतरराष्ट्रीय कानून के सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त मानदंडों के पालन का समर्थन करते हैं.

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1 साल बाद रूस पहुंचे जयशंकर

एस जयशंकर की यह यात्रा करीब 1 साल बाद हो रही है. इससे पहले जयशंकर ने युक्रेन युद्ध शूरू होने के दौरान रूस की यात्रा की थी. वहीं, रूस के विदेश मंत्री ने इस साल के अप्रैल में भारत की यात्रा की थी. बता दें कि युक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध की भारत ने न किसी का साथ दिया है न ही रूस की निंदा की है. भारत ने अब तक अपनी स्थिति को स्वतंत्र बनाए रखा है.

(इनपुट- भाषा के साथ)

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