फ्रांस में ‘वर्जिनिटी टेस्ट’ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की योजना, सर्टिफिकेट देने वाले डॉक्टरों को होगी ये सजा…

Virginity Test : फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (emmanuel macron) ने वर्जिनिटी सर्टिफिकेट (virginity certificate) जारी करने वालों के लिए एक फैसला लिया है जिसपर विवाद शुरू हो गया है. इमैनुएल मैक्रों का कहना है कि फ्रांस जैसे देश में शादी के लिए इस तरह के सर्टिफिकेट की कोई जरूरत नहीं है. मैक्रों वर्जिनिटी टेस्ट करने वाले डॉक्टरों को जेल की सजा और जुर्माना दिये जाने पर विचार कर रहे हैं. गौरतलब है कि फ्रांस में अभी भी पारंपरिक धार्मिक विवाह के लिए वर्जिनिटी सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2020 6:19 PM

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने वर्जिनिटी सर्टिफिकेट जारी करने वालों के लिए एक फैसला लिया है जिसपर विवाद शुरू हो गया है. इमैनुएल मैक्रों का कहना है कि फ्रांस जैसे देश में शादी के लिए इस तरह के सर्टिफिकेट की कोई जरूरत नहीं है. मैक्रों वर्जिनिटी टेस्ट करने वाले डॉक्टरों को जेल की सजा और जुर्माना दिये जाने पर विचार कर रहे हैं. गौरतलब है कि फ्रांस में अभी भी पारंपरिक धार्मिक विवाह के लिए वर्जिनिटी सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है.

फ्रांस सरकार की यह योजना उसी ड्राफ्ट का हिस्सा है जिसके तहत इमैनुएल मैक्रों ने इस्लामिक अलगाववाद के खिलाफ कई कदम उठाने का ऐलान किया था. लेकिन फ्रांस की गर्भपात सलाह समूह ANCIC का कहना है कि वर्जिनिटी टेस्ट को रोकने के लिए व्यापक शैक्षणिक कार्य की जरूरत है.

फ्रांस के गृह मंत्रालय का कहना है कि इस बिल पर अभी फ्रांस में बहुत बहस नहीं हुई है, लेकिन इस बिल में वर्जिनिटी टेस्ट करने वाले डॉक्टरों पर जुर्माने और जेल तक की सजा का प्रावधान है. फ्रांस के 30 प्रतिशत डॉक्टर इस बात को मानते हैं कि उनसे इस तरह के सर्टिफिकेट की मांग की गयी है, लेकिन उन्होंने इसे देने से मना कर दिया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि वर्जिनिटी टेस्ट मानव अधिकारों का उल्लंघन करता है. हाइमन के होने या ना होने से यह साबित नहीं होता है कि किसी महिला का संभोग हुआ है या नहीं. यह एक रुढ़िवादी सोच का परिणाम है जिसपर प्रतिबंध होना चाहिए. फ्रांस के डॉक्टरों और मुस्लिम नारीवादियों ने भी वर्जिनिटी सर्टिफिकेट जारी किए जाने का विरोध किया है. हालांकि, कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं और मैक्रों पर मुद्दे के राजनीतिकरण करने का आरोप लगा रहे हैं. वर्जिनिटी टेस्ट की प्रक्रिया नार्थ अफ्रीका, मिडिल ईस्ट, भारत, अफगानिस्तान और साउथ अफ्रीका में अभी जारी है.

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गौरतलब है कि भारत के कई राज्यों में भी वर्जिनिटी टेस्ट आज भी होता है जिसके खिलाफ आवाज उठायी जा रही है. महाराष्ट्र के कंजरभाट समुदाय की महिलाओं के साथ भी यह अमानवीय व्यवहार होता है, ग्रामीण इलाकों में तो इस टेस्ट में पास ना होने पर लड़कियों की शादी तक टूट जाती है.

Posted By : Rajneesh Anand

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