H-1B, H-4 वीजा चाहिए, तो सोशल मीडिया पर करो ये काम, ट्रंप प्रशासन का नया फरमान 

H-1B and H-4 Visa Donald Trump: ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा आवेदकों और उनके आश्रित एच-4 वीजा धारकों के लिए नया आदेश जारी किया है. नई नीति के तहत अब उन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की प्राइवेसी सेटिंग्स को पब्लिक करना पड़ेगा.

By Anant Narayan Shukla | December 4, 2025 5:44 PM

H-1B and H-4 Visa Donald Trump: अमेरिकी सरकार ने एच-1बी वीजा आवेदकों और उनके आश्रित एच-4 वीजा धारकों के लिए जांच और सत्यापन प्रक्रियाओं को पहले की तुलना में काफी कठोर बना दिया है. ट्रंप प्रशासन की नई नीति के तहत अब सभी आवेदकों को अनिवार्य रूप से अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की प्राइवेसी सेटिंग्स ‘सार्वजनिक’ (पब्लिक) पर रखने का निर्देश दिया गया है, ताकि वीजा प्रक्रिया के दौरान उनके ऑनलाइन व्यवहार और गतिविधियों की विस्तृत समीक्षा की जा सके.

अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को जारी अधिसूचना में कहा कि 15 दिसंबर से एच-1बी और एच-4 वीजा आवेदकों की डिजिटल उपस्थिति की व्यवस्थित जांच की जाएगी. इसमें सोशल मीडिया प्रोफाइल, पोस्ट और ऑनलाइन इंटरैक्शन शामिल हैं. इससे पहले यह प्रक्रिया केवल छात्र वीजा (F, M) और एक्सचेंज विजिटर वीजा (J) के लिए लागू थी, जिसे अब रोजगार आधारित वीजा श्रेणी तक बढ़ा दिया गया है. विदेश विभाग ने स्पष्ट किया कि वीजा जांच को सुचारू रूप से पूरा करने और किसी भी संभावित जोखिम की पहचान करने के लिए सभी संबंधित वीजा श्रेणियों एच-1बी, एच-4, एफ, एम और जे के आवेदकों के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सार्वजनिक रूप में उपलब्ध होने चाहिए. विभाग ने कहा कि इससे अधिकारियों को आवेदक की पृष्ठभूमि, गतिविधियों और संभावित सुरक्षा जोखिमों का आकलन करने में आसानी होगी.

वीजा देना अधिकार नहीं विशेषाधिकार

अमेरिकी सरकार ने यह भी जोर देकर कहा कि वीजा देना कोई अधिकार नहीं, बल्कि एक विशेषाधिकार है और इसी कारण राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उपलब्ध सभी डिजिटल सूचनाओं का उपयोग किया जा रहा है. विभाग के बयान में कहा गया, ‘‘हर वीजा निर्णय वास्तव में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा निर्णय होता है, इसलिए प्रक्रिया को और मजबूत किया जा रहा है.’’

ट्रंप प्रशासन कड़ा बना रहा इमिग्रेशन

विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम ट्रंप प्रशासन की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत इमिग्रेशन नियमों को कड़ा किया जा रहा है. प्रशासन का तर्क है कि एच-1बी वीजा का कई मामलों में दुरुपयोग होता है, क्योंकि इस कार्यक्रम का उपयोग बड़ी टेक कंपनियाँ विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने के लिए बड़े पैमाने पर करती हैं. अमेरिका सरकार चाहती है कि वीजा केवल उन पेशेवरों को मिले जो वास्तव में आवश्यक और योग्य हों.

इन नीतियों का सबसे अधिक प्रभाव भारतीय पेशेवरों पर पड़ सकता है, क्योंकि एच-1बी वीजा के सबसे बड़े लाभार्थी भारतीय तकनीकी कर्मी और स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं. नई सोशल मीडिया जांच प्रक्रिया से वीजा आवेदन और भी जटिल और समय लेने वाला हो सकता है, जिससे आवेदकों को अतिरिक्त सावधानी और पारदर्शिता बरतनी पड़ेगी.

प्रभात खबर पॉडकास्ट में रवि शास्त्री 7 दिसंबर को.

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