अगर बराक ओबामा राष्ट्रपति होते तो कोरोना से नहीं होती इतनी दुर्गति, जानें- अमेरिका में क्यों हो रही ये चर्चा

coronavirus update, covid-19 cases in united state, donald trump, barack obama : कोरोनावायरस की मार सबसे अधिक अमेरिका झेल रहा है. दुनियाभर के कुल कोविड-19 मरीजों में से एक तिहाई सिर्फ अमेरिका से ही हैं. यही नहीं, कोरोना संक्रमण से दुनियाभर की एक तिहाई मौतें सिर्फ अमेरिका में ही हुई हैं. कोरोना से जंग के खिलाफ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कई फैसलों पर सवाल उठा है. अब आम तौर पर शांत रहने वाले पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के रुख की कड़े शब्दों में आलोचना की है.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 10, 2020 8:47 AM

coronavirus update, covid-19 cases in united state, donald trump, barack obama : कोरोनावायरस की मार सबसे अधिक अमेरिका झेल रहा है. दुनियाभर के कुल कोविड-19 मरीजों में से एक तिहाई सिर्फ अमेरिका से ही हैं. यही नहीं, कोरोना संक्रमण से दुनियाभर की एक तिहाई मौतें सिर्फ अमेरिका में ही हुई हैं. कोरोना से जंग के खिलाफ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कई फैसलों पर सवाल उठा है. अब आम तौर पर शांत रहने वाले पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के रुख की कड़े शब्दों में आलोचना की है.

अमेरिका में इस बात की भी चर्चा जोरों पर है कि अगर बराक ओबामा राष्ट्रपति होते तो शायद कोरोना का कहर इतना नहीं होता. बता दें कि दुनिया भर में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले बढ़कर 40 लाख से अधिक हो गए हैं. इन 40 लाख मामलों में से 13 लाख मामले अकेले अमेरिका में है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार रात साढ़े आठ बजे तक अमेरिका में कुल मृतकों की संख्या 78,746 हो गई.

बराक ओबामा ने क्या कहा

अमेरिका में कोरोना के चलते बुरे हालात पर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जिम्मेदार बताया है. कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के रुख की उन्होंने कड़े शब्दों में आलोचना की है. एक निजी बातचीत में उन्होंने कहा कि जिस तरह अमेरिका इस महामारी से निपट रहा है वो पूरी तरह से एक ‘अराजक-आपदा’ सी स्थिति है. इस बातचीत के दौरान पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने कहा है कि वह नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जो बिडेन का समर्थन करते हुए एक बड़ी भूमिका निभाना चाहते हैं. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, उनका ऐसा कहना अपने पूर्व कर्मचारियों को बिडेन के अभियान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए था.रिपोर्ट के मुताबिक, बराक ओबामा ने शुक्रवार को ओबामा अलुम्नाई असोसिएशन के उन 3000 लोगों से बातचीत की, जिन्होंने ओबामा के शासनकाल में काम किया था.

ओबामा को याद करने का कारण

आमतौर पर बराक ओबामा डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं करते हैं. कई बार डोनाल्ड ट्रंप ने ओबामा पर तंज कसा तब भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. यहां तक कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जरूरी चीजों की सप्लाई की समस्याओं के लिए डोनाल्ड ट्रंप ने बराक ओबामा और उनके कार्यकाल को दोषी बताया. एबीसी न्यूज में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना संकट के बीच अमेरिकी लोगों को पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की बहुत याद आ रही है.

मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस संकट से निबटने में जो लापरवाही दिखायी, उससे लोगों में निराशा है. अधिकांश अमेरिकियों की राय है कि अगर ओबामा अभी राष्ट्रपति होते तो देश की ऐसी दुर्गति न होती. बता दें कि अमेरिका में कोई व्यक्ति दो बार से अधिक राष्ट्रपति नहीं बन सकता. बराक ओबामा दो बार राष्ट्रपति बन चुके हैं. इसके बाद भी लोग चाहते हैं कि उन्हें इस हाल में फिर देश का नेतृत्व करना चाहिए. हालांकि कानूनी रूप से ये मुश्किल हैं, लेकिन लोग ट्रंप से इतने निराश हैं कि वे ऐसा भी सोचने लगे हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना संकट के बीच अगर अमेरिकी लोग ओबामा की कमी महसूस कर रहे हैं तो इसका कारण भी है. ओबामा ने इबोला वायरस के हमले के समय बेहद सूझबूझ का परिचय दिया था. 2008 की आर्थिक मंदी के समय उन्होंने अपनी योग्यता से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बचाया था. ओबामा हर संकट की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार रहते थे. लेकिन ट्रंप अपनी गलती दूसरों के कंधों पर डालते रहे हैं. ट्रंप बड़बोले हैं जब कि ओबामा शांतचित्त होकर अपना काम करते थे. ट्रंप ने शुरुआत में कोरोना को काफी हल्के में लिया. कोरोना से जंग तब शुरू किया जब यहां कोरोना विस्फोट हो चुका था.

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