‘रोहिंग्या मुसलमानों को सुरक्षा और अन्य मुद्दों को लेकर म्यांमा सरकार पर नहीं है भरोसा’

बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके मोमेन ने कहा है कि म्यांमा को प्रभावी तरीके से रोहिंग्या मुसलमानों की स्वदेश वापसी प्रक्रिया में भारत समेत दुनिया के मित्र देशों के असैन्य पर्यवेक्षकों को शामिल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मानवीय समस्या का समाधान करने में नाकामी से कट्टरवाद और आतंकवाद बढ़ेगा, जो कि क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए खतरा होगा. दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन आसियान की 27वीं बैठक को संबोधित करते हुए मोमेन ने कहा कि रोहिंग्या अपने वतन (म्यांमा) नहीं लौट रहे हैं, क्योंकि उन्हें सुरक्षा और अन्य मुद्दों को लेकर अपनी सरकार पर भरोसा नहीं है. इस बैठक का आयोजन वियतनाम की ओर से किया गया.

By Prabhat Khabar Print Desk | September 14, 2020 11:03 PM

ढाका : बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके मोमेन ने कहा है कि म्यांमा को प्रभावी तरीके से रोहिंग्या मुसलमानों की स्वदेश वापसी प्रक्रिया में भारत समेत दुनिया के मित्र देशों के असैन्य पर्यवेक्षकों को शामिल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मानवीय समस्या का समाधान करने में नाकामी से कट्टरवाद और आतंकवाद बढ़ेगा, जो कि क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए खतरा होगा.

दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन आसियान की 27वीं बैठक को संबोधित करते हुए मोमेन ने कहा कि रोहिंग्या अपने वतन (म्यांमा) नहीं लौट रहे हैं, क्योंकि उन्हें सुरक्षा और अन्य मुद्दों को लेकर अपनी सरकार पर भरोसा नहीं है. इस बैठक का आयोजन वियतनाम की ओर से किया गया.

वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये मंत्रीस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए मोमेन ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी पर जोखिम और समाज पर पड़ने वाले व्यापक असर के बावजूद बांग्लादेश ने म्यांमा से आए 11 लाख लोगों को मानवीय आधार पर शरण दी. म्यांमा हमारा मित्र देश है और इसलिए बांग्लादेश ने उनकी वापसी के लिए म्यांमा के साथ तीन समझौते पर दस्तखत किए हैं. म्यांमा सत्यापन के बाद उनकी वापसी के लिए सहमत हुआ है.

उन्होंने कहा कि भरोसे में लेने और विश्वास बहाली के उपाय के तौर पर हम म्यांमा को सुझाव देते हैं कि वह चीन, रूस, भारत या अपनी पंसद के अन्य मित्र देशों के असैन्य पर्यवेक्षकों को इसमें शामिल करे. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, सेना के अभियान के बाद म्यांमा के अशांत राखाइन प्रांत से 2017 से करीब नौ लाख रोहिंग्या मुसलमान पलायन कर गए. भारी संख्या में आए शरणार्थियों की वजह से पड़ोसी बांग्लादेश में दिक्कतें शुरू हो गयीं और केवल अकेले बांग्लादेश में ही नहीं, बल्कि भारत में भी इस बात को लेकर राजनीति जंग शुरू हो गयी. गौरतलब है कि रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर भारत में 2017 के पहले से ही गृहयुद्ध हुआ है.

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Posted By : Vishwat Sen

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