पाकिस्तानी मीडिया की सुर्खियों में शिवसेना

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के एक प्रमुख दैनिक ने कहा है कि शिवसेना एक ‘दानव’ का रुप लेती जा रही है जिसे नियंत्रित कर पाना बहुत मुश्किल हो सकता है तथा देश की छवि सुरक्षित रखने के लिए सरकार को इस पार्टी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. समाचार पत्र ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ ने ‘शिवसेना मैडनेस’ शीर्षक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 20, 2015 5:36 PM
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के एक प्रमुख दैनिक ने कहा है कि शिवसेना एक ‘दानव’ का रुप लेती जा रही है जिसे नियंत्रित कर पाना बहुत मुश्किल हो सकता है तथा देश की छवि सुरक्षित रखने के लिए सरकार को इस पार्टी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
समाचार पत्र ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ ने ‘शिवसेना मैडनेस’ शीर्षक वाले अपने संपादकीय में कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि शिवसेना का आतंक नियंत्रण से बाहर जा रहा है. पिछले कुछ महीनों में बार बार इस तरह की घटनाएं हुई हैं. हां, यह पार्टी अतीत में भी रही है और उसने समय समय पर धमकियां भी दी हैं, लेकिन इस तरह का बल प्रयोग और जहर कभी नहीं था .”
अखबार ने कहा कि शिवसेना सत्तारुढ भाजपा की सहयोगी है और अतिवादी गतिविधियों को लेकर सरकार की तरफ से जवाब देने में कमी का यह एक बडा कारण है.उसने कहा कि इन हमलों का मुख्य सार यह लगता है कि ये हमले उनकी अतिवादी हिंदू विचारधारा का विरोध करने पर होते हैं तथा उन्हें पाकिस्तान और पाकिस्तानी लोग मुख्य निशाना दिखते हैं.
इस पाकिस्तानी अखबार में यह संपादकीय ऐसे वक्त में लिखा गया है जब कल शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष के साथ बातचीत का विरोध करते हुए मुंबई में बीसीसीआई के मुख्यालय पर धावा बोल दिया था.शिवसेना ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच मौजूदा क्रिकेट श्रृंखला में पाकिस्तानी अंपायर अलीम डार का भी विरोध किया था. अखबार ने कहा, ‘‘भारत, उसकी छवि और क्षेत्र की खातिर नई दिल्ली को कार्रवाई करने की जरुरत है. पाकिस्तान और भारत के बीच रिश्ते को फिर शुरु करने को लेकर पहले से ही बडा फासला है.”
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने कल कहा कि सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिवसेना के ‘हिंदुत्व वाले जिन’ को उस बोतल में वापस भेज सकते हैं जिसमें से वह उसे निकालकर लाएं हैं. मुंबई में कसूरी की पुस्तक के विमोचन का भी शिवसेना ने पिछले सप्ताह विरोध किया था. पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कसूरी की पुस्तक के विमोचन के आयोजक सुधींद्र कुलकर्णी के चहरे पर कालिख पोत दी थी. इससे पहले शिवसेना ने पाकिस्तानी गायक गुलाम अली के मुंबई में होने वाले शो का विरोध किया था. इसके बाद आयोजकों ने उनका शो रद्द कर दिया था.

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