पूर्व राष्ट्रपति नशीद को वापस जेल भेजा गया

माले: मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद की 13 साल की कैद की सजा को नजरबंदी में तब्दील किए जाने के एक महीने बाद उन्हें जबरन फिर जेल में डाल दिया गया है. उनकी पार्टी ने यह दावा करते हुए इस कदम को मनमाना और गैर कानूनी बताया. नशीद की पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेेटिक पाटी (एमडीपी) […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 24, 2015 6:34 PM

माले: मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद की 13 साल की कैद की सजा को नजरबंदी में तब्दील किए जाने के एक महीने बाद उन्हें जबरन फिर जेल में डाल दिया गया है. उनकी पार्टी ने यह दावा करते हुए इस कदम को मनमाना और गैर कानूनी बताया.

नशीद की पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेेटिक पाटी (एमडीपी) ने कहा है कि पुलिसकर्मी बगैर किसी अदालती वारंट के कल जबरन नशीद के घर में घुस गए. उन्होंने मुख्य द्वार को तोड दिया और घर में मौजूद लोगों पर अंधाधुंध तरीके से काली मिर्च का स्प्रे छिडका. पार्टी ने एक बयान में कहा है कि नशीद को जेल भेजा जाना संविधान का घोर उल्लंघन है.
हालांकि ‘करेक्शनल सर्विस’ ने कहा है कि 48 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति को स्वास्थ्य कारणों को लेकर अस्थायी तौर पर केवल आठ हफ्तों के लिए नजरबंदी में भेजा गया था. ऐसा उनके चिकित्सकों की सलाह के मुताबिक किया गया था ताकि उन्हें तनाव मुक्त माहौल मिल सके.
हावीरु अखबार ने करेक्शनल सर्विस के अधिकारियों के हवाले से बताया है कि आठ हफ्ते पिछले शुक्रवार को खत्म हो गए थे. नजरबंदी में स्थायी रुप से भेजे जाने की अफवाह के बावजूद इस बारे में कोई आधिकारिक फैसला नहीं किया गया था. और कल, पूर्व राष्ट्रपति को वापस जेल में डाल दिया गया.
हालांकि, ये दावे सवालिया निशान वाले हैं क्योंकि ऐसा कोई कानून या नियम नहीं है जो कार्यपालिका को किसी न्यायिक विषय में ऐसा एकपक्षीय फैसला करने से रोके.लोकतांत्रिक रुप से चुने गए देश के प्रथम नेता को 2012 में एक न्यायाधीश को नजरबंद करने को लेकर 22 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था.
मार्च में चली अदालती सुनवाई में उन्हें आतंकवाद निरोधक अधिनियम के तहत आरोपित किया गया था.सजा सुनाए जाने के फौरन बाद नशीद को दूर दराज के एक द्वीप पर स्थित जेल भेज दिया गया था. गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति को 2011 में सुरक्षा बलों के एक सैन्य विद्रोह में अपदस्थ कर दिया गया था.

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