भूकंप के बाद चन्द सेकेंड में भारत का हिस्सा 10 फीट तक उत्तर में खिसका

वाशिंगटन : नेपाल में गत शनिवार को आये 7.9 की तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप के दौरान कुछ सेकेंड में ही भारत का एक हिस्सा करीब एक से 10 फीट उत्तर और पडोसी देश के नीचे खिसक गया. अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय स्थित लामोंट डोहर्ती अर्थ आब्जर्वेटरी के लामोंट एसोसिएट रिसर्च प्रोफेसर कोलिन स्टार्क ने कहा, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 28, 2015 7:52 PM

वाशिंगटन : नेपाल में गत शनिवार को आये 7.9 की तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप के दौरान कुछ सेकेंड में ही भारत का एक हिस्सा करीब एक से 10 फीट उत्तर और पडोसी देश के नीचे खिसक गया.

अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय स्थित लामोंट डोहर्ती अर्थ आब्जर्वेटरी के लामोंट एसोसिएट रिसर्च प्रोफेसर कोलिन स्टार्क ने कहा, शनिवार को एक ओर काठमांडो और पोखरा तथा दूसरी ओर पूरा हिमालयी पर्वतीय विस्तार का करीब एक हजार से दो हजार वर्ग मील का क्षेत्र खिसक गया. स्टार्क ने कहा, मात्र कुछ सेकंड में भारत का एक हिस्सा एक से 10 फीट उत्तर और नेपाल के नीचे खिसक गया.
स्टार्क ने से कहा, बिहार के नीचे की चट्टान (जिसे हम भूपृष्ठ या स्थलमंडल कहते हैं) नेपाल में भरतपुर से हेतौदा होते हुए जनकपुर के क्षेत्र के नीचे खिसक गई. स्टार्क ने कहा, यह अहसास महत्वपूर्ण है कि पूरा उत्तर भारत हर समय उत्तर की ओर नेपाल आदि के नीचे खिसक रहा है.
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के टेक्टोनिक्स विशेषज्ञ जेम्स जैक्सन ने बताया कि भूकंप के बाद पृथ्वी से गुजरने वाली वाली ध्वनि तरंगों के संबंध में जुटाए गए आंकडों के मुताबिक राजधानी काठमांडू के नीचे की जमीन संभवत: करीब तीन मीटर दक्षिण की ओर खिसक गयी है. इसके अलावा एडिलेड विश्वविद्यालय के फिजिकल साइंस विभाग के प्रमुख सैंडी स्टेसी का विश्लेषण भी कुछ ऐसा ही है.
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उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि यह खिसकना अचानक विभिन्न स्थानों पर और विभिन्न समयों में होता है. भू-भौतिकविदों ने निगरानी की है कि पृथ्वी की प्लेटें कितनी तेजी से चल रही हैं और यह ज्ञात हुआ है कि पूरा भारतीय उपमहाद्वीप धीरे-धीरे लेकिन निश्चित तौर पर नेपाल और तिब्बत के नीचे करीब 1.8 इंच प्रतिवर्ष की दर से खिसक रहा है.

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