मोदी-शरीफ ने मिलाया हाथ, पॉवर ग्रिड के लिए सार्क देशों में हुआ समझौता

काठमांडो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के संबंधों में कल का ठंडापन आज उस समय गायब हो गया, जब दोनों नेताओं को करीब लाने के लिए नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने कोशिश की. काठमांडू के करीब धुलीखेल में सुबह में हल्की मेल-मुलाकात शाम में सम्मेलन होते-होते गर्मजोशी में तब्दील […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2014 5:20 PM
काठमांडो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के संबंधों में कल का ठंडापन आज उस समय गायब हो गया, जब दोनों नेताओं को करीब लाने के लिए नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने कोशिश की. काठमांडू के करीब धुलीखेल में सुबह में हल्की मेल-मुलाकात शाम में सम्मेलन होते-होते गर्मजोशी में तब्दील होती दिखी और दोनों नेताओं ने पूरी गर्मजोशी से एक -दूसरे से हाथ मिलाया. दोनों देश आज आपसी समझौतों के लिए भी तैयार हुए. इसके बाद दक्षेस देशों ने आज ऊर्जा सहयोग समझौते पर दस्तखत किये.
इसके अलावा क्षेत्रीय मोटर वाहन और रेलवे समझौतों पर आगे बढ़ने के लिए सदस्य देशों के बीच तीन महीने का समय लेने पर सहमति बनी. साथ ही कोइराला ने एलान किया अगला सम्मेलन 2016 में इस्लामाबाद में होगा.
ऊर्जा सहयोग समझौतों पर सार्क देशों के विदेश मंत्रियों ने हस्ताक्षर किये. अगर इस पर गंभीरता से अमल किया जाये तो यह करार ऊर्जा संकट के निवारण में कारगर साबित हो सकता है. इसका उद्देश्य सार्क देशों में ऊर्जा की उपलब्धता को बढ़ाना है. दस समझौते के तहत सार्क देशों में क्षेत्रीय पॉवर ग्रिड की स्थापना और संचालन में सहयोग बढ़ाया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान और भारत के बीच सचिव स्तरीय वार्ता अगस्त में उस समय रद्द कर दी गयी थी, जब पाकिस्तानी राजनयिक ने कश्मीरी अलगाववादियों से मुलाकात की थी. इसके बाद नियंत्रण रेखा पर हुई गोलीबार के बार दोनों देशों के रिश्ते पिछले 13 सालों में निचले स्तर पर पहुंच गये थे. बुधवार को सार्क सम्मेलन के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाक पीएम शरीफ से न मुलाकात की थी और न बात. यहां तक कि उन्होंने पाकिस्तान व शरीफ का नाम तक नहीं लिया था. जबकि दूसरे सार्क देशों के प्रमुखों से वे मिले भी और भाषण में उनके साथ द्विपक्षीय सहयोग व रिश्ते बढ़ाने का उल्लेख भी किया.